मसूरी(Masoori), उत्तराखंड के देहरादून जिले में एक हिल स्टेशन है। यह राजधानी देहरादून से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर है। मसूरी को “पहाड़ों की रानी” या “द क्वीन ऑफ हील्स” भी कहा जाता है।
मसूरी(Masoori) 2,005 मीटर की औसत ऊंचाई पर है, जिसका उच्चतम बिंदु “लाल टिब्बा” है। मसूरी में ही लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी है जहां आईएएस अफसरों को ट्रेनिंग दी जाती है।
मसूरी(Masoori) में आमतौर पर दिसंबर, जनवरी और फरवरी में कुछ बर्फबारी होती है। हाल ही के वर्षों में वनों की कटाई और ग्लोबल वार्मिंग के कारण बर्फीले दिनों की संख्या में कमी आई है।
यहां की अर्थव्यवस्था का सबसे मुख्य स्त्रोत पर्यटन है। मुख्य रूप से सर्दियों में पर्यटक बर्फबारी देखने के लिए मसूरी आते हैं। मसूरी सड़क मार्ग द्वारा, दिल्ली और प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।
इसे यमुनोत्री और उत्तरी भारत के गंगोत्री मंदिरों के लिए “प्रवेश द्वार” कहा जाता है। मसूरी गढ़वाल हिमालय सिंह कला की तलहटी में स्थित है।
READ MORE
- SENGOL kya Hai: लोकतंत्र के मंदिर में सेंगोल की भूमिका
- Raja Ram Mohan Roy: The Father of Indian Renaissance
- महात्मा गांधी और इमैनुअल कान्ट का निरपेक्ष आदेश का सिद्धांत
- Dr. Bhimrao Ramji Ambedkar: The Architect of Modern India
- क्या है कार्ड टोकनाइजेशन? विस्तार से जानते हैं..
- लैवेंडर विवाह क्या होता है? भारत में विवाह को लेकर क्या स्टैंड है?
- Unknown facts about Taj Mahal in Hindi
- अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के बारे में रोचक तथ्य