पटेल की सूझबूझ से भारत को मिला लक्षद्वीप:सफेद रेत के तट, वर्जिन आइलैंड; लेकिन मालदीव के टूरिस्ट लुभाना आसान नहीं

भारत का सबसे छोटा केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप इन दिनों बड़ी सुर्खियां बना रहा है। 7 जनवरी को भारत में गूगल पर सबसे ज्यादा सर्च किया जाने वाला कीवर्ड रहा। ट्रैवल बुकिंग साइट्स पर भी लक्षद्वीप के बारे में आम दिनों के मुकाबले लोग 10 गुना ज्यादा सर्च कर रहे हैं।

सोशल मीडिया पर मालदीव की बजाए लक्षद्वीप घूमने जाने के कैंपेन चल रहे हैं। इस सब की शुरुआत पीएम नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप विजिट और उस पर मालदीव के मंत्रियों की आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद हुई थी।

पाकिस्तान देखता रहा, लक्षद्वीप में लहराया तिरंगा

लक्षद्वीप में मानव के होने के करीब 3500 साल पुराने साक्ष्य मिलते हैं। बौद्ध धर्म की जातक कहानियों में इन द्वीपों का उल्लेख है। माना जाता है कि बौद्ध भिक्षु संघमित्र ने इन द्वीपों पर गए थे। चेरा साम्राज्य इन द्वीपों को कंट्रोल करता था।

माना जाता है कि 661 ईस्वी में मदीना से शेख उबैदुल्लाह यहां पहुंचे और इस्लाम का प्रचार किया। एंड्रोट द्वीप में उनकी कब्र भी है। 11वीं शताब्दी में केरल के साथ ये द्वीप भी चोल साम्राज्य के अधीन आ गए। पुर्तगाली, टीपू सुल्तान से होते हुए 18वीं शताब्दी में यहां ब्रिटिश कंट्रोल हो गया जो 1947 तक रहा।

1947 में देश आजाद हुआ और बंटवारा भी। अलग-अलग रियासतें भारत या पाकिस्तान में शामिल हो रही थीं। उस वक्त लक्षद्वीप की तरफ दोनों देशों का ध्यान नहीं गया। यहां की अधिकांश आबादी मुस्लिम थी, लेकिन ये भारत के मालाबार कोस्ट से जुड़ा हुआ था।

उस वक्त के गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल को लक्षद्वीप के भौगोलिक महत्व का अंदाजा था। उन्होंने राजनीतिक सूझबूझ दिखाते हुए मुदलियार बंधुओं को शिप और जवानों के साथ लक्षद्वीप जाने को कहा। रामास्वामी मुदलियार मैसूर के 24वें और आखिरी दीवान थे, जबकि उनके भाई लक्ष्मण स्वामी मुदलियार उस समय के फेमस डॅक्टर थे।

उसी दौरान पाकिस्तान ने भी अपना युद्धपोत लक्षद्वीप की तरफ भेजा। तब तक उन द्वीपों में भारतीय तिरंगा लहरा रहा था। पाकिस्तानी बेरंग लौट गए।

1956 में राज्यों के पुनर्गठन के वक्त लक्षद्वीप को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया था। 1973 के बाद इसका नाम लक्षद्वीप रखा गया। इससे पहले इसे लक्कादीव, मिनिकॉय, अमीनदीवी कहा जाता था।

10 द्वीपों पर ही आबादी, बंगारम में केवल 61 लोग रहते हैं

  • लक्षद्वीप कुल 36 द्वीपों का समूह है, जिसमें सिर्फ 10 द्वीप ही रिहायशी हैं- कवरत्ती, अगत्ती, अमिनी, कदमत, किलातन, चेतलाट, बिट्रा, आनदोह, कल्पनी और मिनिकॉय। बिट्रा में 271 और बंगारम द्वीप में 61 लोग ही रहते हैं। बाकी 26 द्वीप वीरान या वर्जिन हैं। लक्षद्वीप में पर्यटन उद्योग बढ़ रहा है, लेकिन आज भी मुख्य जीविका का जरिया मछली पकड़ना और नारियल की खेती है।
  • लक्षद्वीप में सिर्फ एक लोकसभा सीट है। 1967 से 1999 तक कांग्रेस के पीएम सईद ही सांसद रहे हैं। 2004 में यहां सीन बदला और पहली बार जनता दल की जीत के साथ बदलाव हुआ। इसके बाद फिर 2009 में कांग्रेस ने वापसी की। 2014 में यहां एनसीपी ने जीत दर्ज की और 2019 में उसे बरकरार रखा। वर्तमान में मोहम्मद फैजल एनसीपी से सांसद हैं।
  • यहां का प्रशासक केंद्र सरकार नियुक्त करती है। 2020 से यहां के प्रशासक प्रफुल खोड़ा पटेल हैं। पटेल मूलत: गुजरात भाजपा के नेता और मंत्री रहे हैं। उनके फैसलों के चलते लक्षद्वीप अक्सर सुर्खियों में रहता है। उन्होंने गोमांस पर बैन लगाया और शुक्रवार की सार्वजनिक छुट्टी को रविवार कर दिया था। सांसद मोहम्मद फैजल ने विरोध किया था। उनका कहना था कि प्रशासक अपनी मनमानी चलाते हैं, जबकि उन्हें चुने हुए प्रतिनिधि से चर्चा करके फैसले लेना चाहिए।

लक्षद्वीप और मालदीव में एक बड़ी समानता यहां के सफेद रेत के समुद्री किनारे हैं। इस रेत में समुद्र का पानी नीला नजर आता है। भारत के बाकी समुद्री किनारों की रेत पीली है।

सरकारी वेबसाइट tourism.gov.in में लक्षद्वीप को लेकर अक्टूबर 2017 से जून 2018 की एक रिपोर्ट है। इसके अनुसार वहां कुल 19 होटल या रिसॉर्ट हैं। जिसमें इस दौरान कुल 34,332 टूरिस्ट पहुंचे हैं। हिंदुस्तान टाइम्स की एक खबर के अनुसार 2021-2022 में 18,590 टूरिस्ट लक्षद्वीप पहुंचे।

मालदीव के टूरिस्ट को लुभाने में लक्षद्वीप के सामने कई बड़ी चुनौतियां हैं…

  • मालदीव पूरी तरह से टूरिस्ट डेवलप द्वीप है। वहां करीब 250 होटल और रिसॉर्ट हैं। जहां हर लग्जरी उपलब्ध है। लक्षद्वीप में अभी टूरिज्म इंफ्रास्ट्रक्चर पूरी तरह डेवलप नहीं हुआ है।
  • लक्षद्वीप में कोई एयरपोर्ट नहीं है, केवल एक रनवे स्ट्रिप है जो अगत्ती द्वीप में है। कोई सीधी फ्लाइट लक्षद्वीप के लिए नहीं है। पहले कोच्चि फिर लक्षद्वीप जाना होता है। मालदीव जाने के लिए सीधी फ्लाइट के तमाम विकल्प हैं।
  • लक्षद्वीप में एंट्री के लिए परमिट की जरूरत है। ऑनलाइन डॉक्यूमेंट्स देने के बाद भी ऑफलाइन डॉक्यूमेंट्स देखे जाते हैं। जाने पर एक लक्षद्वीप प्रशासन की ओर से क्लियरेंस सर्टिफिकेट जारी होता है। जिसे जहां भी टूरिस्ट रहते हैं वहां के लोकल पुलिस स्टेशन से वेरिफिकेशन करवाना पड़ता है। मालद्वीव में वीजा ऑन अराइवल है। यानी टूरिस्ट विंडो पर पासपोर्ट दिखाकर तय राशि देकर वीजा मिल जाता है।
  • लक्षद्वीप में निर्माण कार्य से इको सिस्टम बिगड़ने का खतरा है। पिछले दिनों जब अगत्ती में एक और रनवे निर्माण का काम शुरू हुआ तो उसे बीच में ही रोकना पड़ा था, क्योंकि इससे कछुओं के आवास पर असर पड़ रहा था। इन परिस्थितियों के चलते ये खतरा लक्षद्वीप पर हमेशा बरकरार रहेगा कि जब भी यहां ह्यूज लेवल पर कंट्रक्शन या बदलाव हुए तो यहां का नेचर खत्म हो जाएगा।
  • लक्षदीप में इंटरनेट कनेक्टिविटी लिमिटेड है, केवल बीएसएनएल सर्विस प्रोवाइडर है। टूरिस्ट का मोबाइल फोन काम नहीं करता, क्योंकि और कोई मोबाइल फोन कंपनी का नेटवर्क ही नहीं है। नेटवर्क नहीं होने से डिजिटल और कार्ड पेमेंट में भी दिक्कत होती है।

तमाम चुनौतियों के बावजूद लक्षद्वीप में टूरिज्म की संभावनाएं हैं। इस कारण एयरपोर्ट और रिसॉर्ट बनाने की तैयारी…

  • लक्षद्वीप विकास प्राधिकरण ने 2021 में एक टूरिस्ट प्रोजेक्ट शुरू किया था। इसके तहत सुहेली, मिनिकॉय और कदमत द्वीपों में समुद्री तट पर 230 विला, 140 वाटर विला और 370 कमरों वाला एक और विला बनाया जा है। इसका काम कई ग्लोबल कंपनियों को दिया गया था।
  • टाटा ग्रुप की इंडियन होटल कंपनी लिमिटेड ने अगले कुछ सालों में दो-दो ताज ब्रांडेड रिसॉर्ट्स बनाने का ऐलान किया है।
  • भारत सरकार वहां के मिनिकॉय द्वीप पर एयरपोर्ट बनाने जा रही है। इस नए एयरपोर्ट से फाइटर जेट्स, मिलिट्री एयरक्राफ्ट्स और कॉमर्शियल फ्लाइट्स का संचालन होगा। अभी इसका प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है। जल्द ही काम भी शुरू हो सकता है।

लक्षद्वीप: सरकार का लक्षद्वीप टूरिज्म को बढ़ाने के लिए विशेष प्रयोजन, 5 वर्ष में खर्च होंगे 6 हजार करोड़

प्रधानमंत्री की 3 जनवरी की लक्षद्वीप यात्रा और उस पर मालदीव की प्रतिक्रिया के बाद अरब सागर में स्थित 36 द्वीपों वाला यह केंद्र शासित प्रदेश दुनियाभर में सुर्खियों में आ गया है। लक्षद्वीप में पर्यटन विकास के लिए नई योजनाओं पर काम शुरू हो गया है। सबसे ज्यादा फोकस यहां के टूरिज्म इंफ्रास्ट्रक्टर पर है, जो अभी बेहद सीमित है।

सरकार ने लक्षद्वीप के विकास का फ्यूचर प्लान तैयार किया है। इसके तहत अगले पांच साल में लक्षद्वीप में पर्यटन इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए 6 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसके अलावा, सबसे महत्वपूर्ण कदम यह है कि यहां आने वाले बढ़ते पर्यटकों के लिए बड़ा नया एयरपोर्ट विकसित किया जाएगा।

लक्षद्वीप के कलेक्टर अर्जुन मोहन का कहना है कि अभी सबसे ज्यादा फोकस द्वीप समूह के दक्षिणी हिस्से स्थित मिनिकॉय द्वीप पर नए एयरपोर्ट विकसित करने पर है। जिसका सैन्य और नागरिक दोनों उड़ानों के लिए उपयोग किया जा सकेगा। नए एयरपोर्ट का डिजाइन बड़े विमानों की लैंडिंग के हिसाब से तैयार किया जा रहा है। ताकि कम लागत में यहां आने वाले ज्यादा से ज्यादा पर्यटकों को हैंडल किया जा सकें।

मिनिकॉय में बनने वाला एयरपोर्ट सामरिक रूप से भी बेहद महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह सैन्य फैसिलिटी से मालदीव और श्रीलंका के पास है और सैन्य उड़ानें शुरू होने से देश की सुरक्षा और चाक-चौबंद होगी। फिलहाल लक्षद्वीप में अगत्ती द्वीप पर एयरपोर्ट है जो द्वीप का एकमात्र एयरपोर्ट है और यहां सिर्फ छोटे विमानों की ही लैंडिंग हो पाती है।

पर्यटकों को आवेदन के दिन ही परमिट जारी करने की तैयारी

• पर्यटन को बढ़ाने के लिए करवत्ती और बेंगराम द्वीप पर परमिट के साथ शराब की बिक्री की अनुमति दी गई है।

• लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल पटेल ने कहा है कि परमिट एक ही दिन में जारी करने का प्रयास हो रहा है।

• अभी पर्यटक एक बार मंजूरी के बाद 7 दिन ही रुक सकते हैं, इसे भी बढ़ाने पर विचार हो रहा है।

360 से ज्यादा लैगून विला विकसित कर रही सरकार

समय के साथ यहां पर्यटकों के लिए सुविधाओं में भी विस्तार हो रहा है। सरकार 360 लैगून विला के प्रोजेक्ट पर भी काम कर रही है। लैगून विला प्रोजेक्ट में सुहेली, मिनिकॉय और कदमात द्वीप पर 230 बिच विला, 140 वाटर विला और 370 रूम विला बनाने की तैयारी है। हाल में टाटा ग्रुप की सहयोगी इंडियन होटल्स लि. ने ताज नाम से रिसॉर्ट लॉन्च किए हैं।

APNARAN TUMBLR

READ MORE

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Copy Protected by Chetan's WP-Copyprotect.

Discover more from अपना रण

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading

Discover more from अपना रण

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading