कल भी सूरज निकलेगा कल भी पंछी गाएंगे
कल भी सूरज निकलेगाकल भी पंछी गाएंगेसब तुझको दिखाई देंगेपर हम न नज़र आएंगे। ………….. कल भी सूरज निकलेगा कल भी पंछी गाएंगे 1982 में आई फ़िल्म ‘प्रेमरोग’ का ये…
आइये कुछ नया करते हैं
कल भी सूरज निकलेगाकल भी पंछी गाएंगेसब तुझको दिखाई देंगेपर हम न नज़र आएंगे। ………….. कल भी सूरज निकलेगा कल भी पंछी गाएंगे 1982 में आई फ़िल्म ‘प्रेमरोग’ का ये…
वैश्विक स्तर पर मौजूद सूचना तंत्र ग्लोबल मीडिया कहलाता है। ज्यादातर लोगों को इन मुद्दों के बारे में अखबारों, पत्रिकाओं, रेडियो, टेलीविजन, और वर्ल्ड वाइड वेब की रोजमर्रा के समझ…
राष्ट्रीय ध्वज किसी भी देश की आन,बान, सान होता है। इसके लिए लोग अपनी जान की बाजी लगाने में भी अपना स्वाभिमान मानते है। इसको सामने देखते है मन गदगद…