आधुनिक होती दिल्ली में स्वच्छ पर्यावरण और पार्कों की दशा
मानव इतिहास में अभी तक जितने भी नवोन्मेष और सृजन हुए हैं सभी का अंतिम उद्देश्य मानव जीवन को सरल बनाना रहा है। भौतिक उन्नति के साथ विकास और प्रगति…
आइये कुछ नया करते हैं
मानव इतिहास में अभी तक जितने भी नवोन्मेष और सृजन हुए हैं सभी का अंतिम उद्देश्य मानव जीवन को सरल बनाना रहा है। भौतिक उन्नति के साथ विकास और प्रगति…
द्वंद्व से मानव घिरा,निज जीवन की आश में ,स्वयं को साध्य अमर्त्य मानताभौतिकता के आभास में !अधर आलिंगन में प्रकृति की ,करता रहा दीदार ,आत्म-अभिव्यक्ति के अन्तःस्थल में ,व्यक्त उद्गार…
निर्झर किंचित की स्वरों से ,एक आस सी मन में रहती है ,संकल्प शक्ति की यह भावना ,निज भाषा से रहती है ! लेकर यह अदम्य कल्पना ,खुद को खुद…
आज देश में बच्चों, किशोरों और युवाओं सहित हर वर्ग का क्रिकेट के प्रति सम्मान और उससे उनकी दीवानगी प्रखर रूप में देखी जा सकती है। जिसमें आधुनिक तकनीक ने…
एक खाली गोद ,और एक सामाजिक धब्बा,क्यों बनती हैं वो अकेली इसदुर्भाग्य का हिस्सा?? कुछ मिचलन और उबकाई ,मानो कुछ आशाएं दे जाती हैं। फिर तेज धडकने,उम्मीदों से चमकती आंखें,भीगी…
दो कार्टून एक 1935 का जर्मनी और एक आज का हमारा प्यारा भारत। कार्टून का संदर्भ अहमदाबाद बम ब्लास्ट केस में अदालत ने आतंकवादियों को फांसी की सजा सुनाई है।…
SHIKHAR BARANWAL ये कुछ सवाल हैं जो ट्राइबल आर्मी (tribal army) नाम के एक ट्विटर हैंडल ( Twitter handle) से 14 feb 2022 को पोस्ट किया गया है। ये इकलौते…
यह सोच कर कभी -कभी मेरी स्त्रीत्व भी शरमा जाती है कि, बिना कुछ सोचे बिना कुछ समझे… अपनी ही जाति के लिए हमारी उंगलियां… कैसे उठ जाती हैं? हां…
वीगन डाइट का इतिहास आज का नहीं बल्कि 78 साल का है। असल मे 1944 में सबसे पहले वीगन सोसाइटी की स्थापना हुई थी और यहीं से यह प्रचलन में…
स्वराज को साकार करने वाले शिवाजी महराज की आज जयंती है। शिवाजी का पूरा जीवन प्रेरक प्रसंगों से भरा है। मां से मिले साहस और गुरु से मिले शौर्य का…
सुबह स्कूल जाते हुए और स्कूल से आते हुए बस एक ही बात मन को रोमांचित कर देती थी कि दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलने जाना है। कड़ाके की ठंड…
अगर आप क्रिकेट प्रेमी हैं और आप एशिया के भारत, श्रीलंका, पाकिस्तान, बांग्लादेश या अफगानिस्तान रीजन में रहते हैं तो इसके ज्यादा चान्सेस हैं कि आपको डीआरएस का मतलब और…
shriya Trisal ऐसा नहीं था कि मैंने सब पहले से तय कर रखा था कि मुझे जामिया मिल्लिया इस्लामिया में ही पढ़ना था, लेकिन वक्त और दस्तूर कुछ ऐसे बने…
फूलन देवी को किस रूप देखें, क्या उसे उस लड़की के रूप में देखें जिसने 10 वर्ष की उम्र में ही अपनी जमीन के लिए, अपने चाचा से भिड़ गयी…
सुनो! नई दिल्ली की पुरानी मकान की तरह हो तुम आधुनिकता की लंपट चुने,प्लास्टर, रंगों से एकदम दूर औरों की तरह मुझे किराएदार नही बनना है तुम्हारा, ना ही मुझे…
कल भी सूरज निकलेगाकल भी पंछी गाएंगेसब तुझको दिखाई देंगेपर हम न नज़र आएंगे। ………….. 1982 में आई फ़िल्म ‘प्रेमरोग’ का ये गीत जिसे संन्तोष आंनद जी ने लिखा था,…
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