भारत, जिसे सदियों से “ज्ञान की धरती” कहा जाता है, ने दुनिया को धर्म, अध्यात्म, विज्ञान और संस्कृति की अनमोल विरासत दी है। यहाँ से फैलने वाली ज्ञान की रोशनी ने न सिर्फ़ भारतीय उपमहाद्वीप, बल्कि पूरी दुनिया को प्रभावित किया।
प्राचीन शिक्षा प्रणाली की वैश्विक पहचान
- दुनिया में संगठित शिक्षा प्रणाली और विश्वविद्यालयों के आने से बहुत पहले, भारत ने संवाद, धर्म और विविधता पर आधारित एक बौद्धिक सभ्यता की नींव रखी।
- यहाँ शिक्षा केवल पुस्तकीय ज्ञान तक सीमित नहीं थी, बल्कि यह जीवन मूल्यों, सामाजिक समरसता और आध्यात्मिक उन्नति का संगम थी।
विश्व प्रसिद्ध प्राचीन विश्वविद्यालय
- भारत के प्राचीन विश्वविद्यालय, जैसे नालंदा, तक्षशिला, विक्रमशिला और वलभी, केवल शिक्षा के केंद्र नहीं थे, बल्कि ये संस्कृति, विज्ञान, गणित, खगोलशास्त्र और चिकित्सा के भी प्रमुख केंद्र थे।
- इन संस्थानों में एशिया, चीन, तिब्बत, श्रीलंका और मध्य एशिया से विद्वान आते थे और ज्ञान प्राप्त कर अपने देशों में ले जाते थे।
ज्ञान की धरोहर और आज का भारत
- भले ही समय के साथ ये विश्वविद्यालय अब खंडहर में बदल गए हों, लेकिन इनके विचार, अनुसंधान और साहस आज भी भारतीय संस्कृति और गर्व का अभिन्न हिस्सा हैं।
- यह ज्ञान की धरोहर हमें यह याद दिलाती है कि भारत सदियों से वैश्विक बौद्धिक केंद्र रहा है और भविष्य में भी रह सकता है।
Read More
- Kisan ki Baat: गाय या भैंस – डेयरी फार्मिंग में कौन है ज्यादा फायदेमंद?
- थाई मसाज: इतिहास, तकनीक, फायदे और सम्पूर्ण गाइड
- Kisan ki Baat: जर्सी गाय बनाम देसी गाय- डेयरी फार्म में कौन है ज्यादा फायदेमंद?
- Krishi Yatra: बरसात में फैल सकता है तालाब में संक्रमण, मछलियों को ऐसे बचाएं
- सिर्फ भारत ही नहीं, जाने किन देशों में होती है भगवान गणेश की पूजा
Discover more from अपना रण
Subscribe to get the latest posts sent to your email.

