इंग्लैंड के एक्सेटर यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने पेश किया है ये रिसर्च
अगर आप अपने दिल को सेहत से भरा रखना चाहते हैं और अगर आप वर्तमान में ज्यादा घट रहे स्ट्रोक जैसे खतरों से बचना है। तो शुरू कर दीजिए रात को 10 से 11 के बीच सोना। क्योंकि इंसान की नींद और हृदय के रोग के बीच है बहुत गहरा कनेक्शन। (HOW TO AVOID HEART ATTACK AND STROKE)
- देर से सोने वाले देर से अपने बिस्तर को छोड़ते हैं। ऐसे में उनके शरीर की घड़ी बिगड़ जाती है।
- शरीर के बॉडी क्लॉक में तीन पांच होने के कारण दिल को भुगतना पड़ता है, जिसके चलते हार्ट फेल और स्ट्रोक जैसे मामले अपना रूप सामने दिखाते हैं।
वर्तमान के इस दौड़ती भागती दुनिया में लगभग हर व्यक्ति एक मुकाम हासिल करने के लिए दौड़ लगा रहा है। किसी को जल्दी अपने दौड़ का फल मिल जाता है तो किसी को थोड़ा देरी से फिर वही कुछ लोग ऐसे होते हैं जो केवल हतासा के शिकार होते हैं और दूसरे फील्ड के दौड़ में अव्वल आते हैं। लेकिन, इन सब के बावजूद हमें अपने बॉडी का ध्यान जरूर रखना चाहिए। नियमित रूप से हर कार्य को करना चाहिए। परंतु, इन सब को कर लेने के बावजूद हममें से ज्यादातर लोग नींद के क्लॉक को दौड़ में खो आते हैं जिससे उनके बॉडी के साथ साथ काम पर फोकस कम होता जाता है।
वहीं, हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा घटाना है तो रात में 10 से 11 बजे के बीच सो जाइए। क्योंकि वैज्ञानिक इस समय को ‘गोल्डन आवर’ कहते हैं, उनका मानना है इंसान के सोने का समय और दिल की बीमारियों के बीच एक कनेक्शन पाया गया है। खासकर महिलाओं में जो देर से सोती हैं।
यह दावा इंग्लैंड की एक्सेटर यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अपनी हालिया रिसर्च में किया है। शोधकर्ताओं का कहना है, अगर आप आधी रात में या काफी देर से सोने के लिए जाते हैं तो हार्ट डैमेज हो सकता है।
इंसान की नींद और दिल की बीमारी के बीच है ये कनेक्शन
शोधकर्ताओं का कहना है, इंसान की नींद और दिल की बीमारी के बीच एक कनेक्शन है। जो लोग देरी से सोते हैं वो सुबह देरी से उठते हैं, उनकी बॉडी क्लॉक डिस्टर्ब हो जाती है। हार्ट पर बुरा असर पड़ता है। इस तरह रात में जल्दी सोकर दिल की बीमारियों का खतरा कम कर सकते हैं।(HOW TO AVOID HEART ATTACK AND STROKE)
88 हजार लोगों पर हुई रिसर्च
- शोधकर्ताओं का कहना है, हमनें 43 से 74 साल के बीच के 88 हजार ब्रिटिश वयस्कों पर रिसर्च की। रिसर्च में शामिल लोगों के हाथ में ट्रैकर पहनाया गया।
- ट्रैकर के जरिए उनके सोने और उठने की एक्टिविटी को मॉनिटर किया गया। इसके अलावा उनसे लाइफस्टाइल से जुड़े सवाल-जवाब भी किए गए।
- ऐसे लोगों में 5 साल तक हार्ट डिजीज, हार्ट अटैक, स्ट्रोक, हार्ट फेल्योर का मेडिकल रिकॉर्ड रखा गया और इसकी तुलना की गई।
क्या कहते हैं रिसर्च के परिणाम
रिसर्च के रिजल्ट बताते हैं कि जिन मरीजों में हर रात 10 से 11 बजे के बीच नींद लेना शुरू किया उनमें हृदय रोग के मामले सबसे कम थे। वहीं, जो लोग आधी रात के बाद सोते हैं, उनमें यह खतरा 25 फीसदी तक अधिक होता है।(HOW TO AVOID HEART ATTACK AND STROKE)
बॉडीक्लॉक को बिगड़ने से रोकती है नींद
यूरोपियन हार्ट जर्नल में पब्लिश रिसर्च कहती है, हम लोगों को प्रेरित कर रहे हैं कि जल्दी सोकर दिल की बीमारियों का खतरा कम किया जा सकता है।वहीं, शोधकर्ता डॉ. डेविड प्लान्स कहते हैं कि 24 घंटे चलने वाली शरीर की अंदरूनी घड़ी ही हमें शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखती है। इसे सरकेडियन रिदम कहते हैं। देर से सोने पर सरकेडियन रिदम बिगड़ती है। इसलिए इसे बेहतर करने की जरूरत है।
REFERENCE
MORE
- Winter alert: सर्दियों में क्यों बढ़ जाते हैं स्ट्रोक और हार्ट अटैक (stroke and heart attack) के मामले
- Shyam sharan Negi: India’s first voter dies in Himachal Pradesh
- RISHI SUNAK: The way He Incumbent 57th Prime Minister Of United Kingdom
- मनोरंजन स्वास्थ्य के लिए एक जरुरी तत्व
[…] दिल के बीमारी से अगर बचना है तो रात में … […]
[…] दिल के बीमारी से अगर बचना है तो रात में … […]
[…] दिल के बीमारी से अगर बचना है तो रात में … […]
[…] दिल के बीमारी से अगर बचना है तो रात में … […]