JAMIA MILLIA ISLAMIA

जामिया हूं मै…By SHUBHAM ROY

जामिया हूं मै……

बड़े-बड़े सपने बुनकर ,
अपनी खुद की राह चुन कर,
उम्मीदों के नावों में बैठे इन बच्चों का ,
बीच भंवर फंसे इन सपनों का,
खुद मांझी बन, पतवार थाम,
बार-बार, हर बार इन्हें,
कई बार बचाया हूं,

जामिया हूं मैं,

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बाधा से भरे इन राहों का इन्हें,
एक सफल राहगीर बनाया हूं,
प्रतिकूल परिस्थितियों से उलट
इन्हें हीरे सा चमकाया हूं,

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खुद गूंगा बहरा बना रहा पर,
इन्हें बादलों सा गरजना सिखलाया हूं,
जीवन की असली राह दिखलाया हूं।

कई वर्षों से यही खड़ा हूं मैं
जामिया हूं मै, जामिया हूं मै…..

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By Admin

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