
रविन्द्र कौशिक ने पाकिस्तान की जासूसी क्यो की? आइये जानते हैं।
रविन्द्र कौशिक भारत के एक मशहूर थिएटर कलाकार थे, जिन्हें 1975 में रॉ के अधिकारियों द्वारा जासूस के रूप में पाकिस्तान भेजा गया था। जहाँ वे पहले तो पाकिस्तानी सेना में शामिल होने में कामयाब रहे और फिर बाद में ‘मेजर’ के पद तक पहुँचने में कामयाब हुए।

रविन्द्र कौशिक ने पाकिस्तान में रह कर भारतीय एजेंसियों को बहुमल्य जानकारी भेज कर हजारों भारतीयों की जिंदगी बचाई थी।जिसके सम्मान में रॉ द्वारा उन्हें BLACK TIGER की उपाधि प्रदान की गयी थी।
सन 1983 में भारत के इंटेलिजेंस एजेंसी ने उनके मदद के लिए एक एजेंट भेजा था , जो पकड़े जाने के बाद कौशिक की पहचान को उनसे छुपाए नहीं रख सका। जिसके चलते रविन्द्र कौशिक पकड़े गए।
रविन्द्र कौशिक के पकड़े जाने पर उन्हें लगातार 2 साल तक टॉर्चर और अलग अलग यातनाएं दी गईं और इसी के साथ उन्हें 16 वर्ष तक जेल में रखा गया। साल 1985 में उन्हें मौत की सजा सुनाई गयी। जेल में रहते हुए भी वह भारत में अपने परिवार को छुप कर खत भेजते रहे थे, लेकिन एक खत ने सबको भाव-विभोर कर दिया।
उस खत में क्या लिखा था
उस खत में रविन्द्र कौशिक ने लिखा था कि:- ” क्या भारत जैसे बड़े देश के लिए कुर्बानी देने वालों को यही मिलता है?”
Ravindra kaushik ने अपना दम कब तोड़ा
रविन्द्र कौशिक नवंबर 2001 में सेंट्रल जेल मुल्तान में, फेफड़े , तपेदिक और दिल की बीमारी से अपना दम तोड़ दिया। जिसके बाद उन्हें उसी जेल के पीछे दफना दिया गया था।
रविन्द्र कौशिक पर आधारित फिल्म ‘एक था टाइगर’
रवींद्र के परिवार ने बताया की वर्ष 2012 में प्रदर्शित मशहूर बॉलीवुड फिल्म “एक था टाइगर” की शीर्षक लाइन रवींद्र के जीवन पर आधारित थी।