आपको बताते हैं दोस्तों कि लोहे में जंग क्यों लगता हैं? यह तो दोस्तों आपने देखा ही होगा कि लोहे के, किसी भी वस्तु को अगर अधिक समय तक हवा के संपर्क में रखा रहने दिया जाए तो उसपर एक परत जमने लग जाती है, जिसे जंग कहते हैं| अब आपको बताते हैं क्यों? दरअसल लोहे में जंग लगना एक तरह की रसायनिक क्रिया है। जब किसी धातु से बनी कोई सामान हवा के संपर्क में आती है तो उस पर जंग लगना शुरू हो जाता है। ये सब होता है क्योंकि हवा में अम्ल ऑक्सीजन और कार्बन डाइ-ऑक्साइड जैसी कई गैस होती हैं।

जब इनसे धातु या उससे बनी वस्तु की प्रतिक्रिया होती है तो उस पर, एक योगिकी बनने लगती है। जिससे धीरे-धीरे धातु खराब होने लगता है| आपको बता दें की जंग का रासायनिक नाम आयरन ऑक्साइड होता है जिसका निर्माण लोहे और नमी वाले हवा में मौजूद ऑक्सीजन से मिलकर होता है। कहने का तात्पर्य जब लोहा या इससे बनी सामग्री हवा में उपस्थित ऑक्सीजन और पानी के साथ प्रतिक्रिया करती है, तो उस पर एक अवांछित परत का निर्माण होने लगता है जो भूरे रंग का होता है, इस भूरे रंग की परत की आयरन ऑक्साइड कहा जाता है|
यह प्रतिक्रिया नमी वाली हवा की उपस्थिति में, ऑक्सीजन के बार-बार लोहे के साथ संपर्क में आने से होता है| जिसके चलते कुछ समय बाद लोहे से बनी समान पुरी तरह से खराब हो जाते हैं यही कारण है कि लोहा में जंग लग जाता है| यहाँ यह बात ध्यान रखें कि लोहे पर जंग तभी आएगा जब वह नमी वातावरण और O2 के संपर्क में एक निश्चित समय से ज्यादा संपर्क में हो|
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