images285295200889505649950330.Journalism

Samachar agency ke prati ka sampadan: समाचार एजेंसी किसी भी समाचार पत्र के लिए खबरों का प्रमुख स्त्रोत होती हैं। इन स्त्रोतों में उसके अपने स्टाफ रिपोर्टर, रूपक लेखक और फोटोग्राफर शामिल होते हैं, तो दूर दराज के क्षेत्रों में कार्यरत संवाददाता और स्ट्रिंगर भी शामिल होते हैं। सभी स्त्रोतों से जानकारी व समाचार प्राप्त करने के बाद समाचार एजेंसी समाचार पत्रों को दो तरह से अपने समाचार प्रदान करती है।

इसमें पहला माध्यम है टेलीप्रिंटर और दूसरा माध्यम है अखबार में कार्यरत कंप्यूटर पर सीधे समाचार प्रेषित करना है। पहले के समय समाचार एजेंसिया डाक सेवा और व्यक्तिगत कैरियर का प्रयोग भी विभिन्न समाचार पत्रों के कार्यालय तक अपने समाचार भेजने के लिए करती थी पर वर्तमान समय मे gmail और अन्य तकनीक को आने से यह परंपरा खत्म हो गयी है।

टेलीप्रिंटर सेवा के तहत, एजेंसी से भेजे गए समाचार अखबार के कार्यालय में एक विशेष प्रकार के प्रिंटर पर, प्रिंट होते रहते हैं। ये प्रिंटर कागजों के बंडल के रूप में मिलते हैं और फिर एक-एक खबर को अलग अलग किया जाता है।

इसके बाद इन्हें श्रेणियों में बांटा जाता है जिनमें मुख्य रुप से स्थानीय, राष्ट्रीय , अंतर्राष्ट्रीय, खेल संबंधी, फ़िल्म संबंधी तथा व्यापार संबंधी आदि विषय शामिल होते हैं। श्रेणियों में विभाजित करने के बाद संबंधित खबर को खबर के संबंधित डेस्क तक भेज दिया जाता है।

संबंधित डेस्क पर काम करने वाले उप संपादक इन समाचारों को उप संपादन के चिन्हों का प्रयोग करते हुए संपादित करते हैं। इसके बाद खबर का शीर्षक देते हैं तथा उसे कितने कॉलम में प्रकाशित किया जाना है, यह निर्देश भी देते हैं। इसी तरह के अन्य निर्देश भी इसी पर दर्ज किए जाते हैं जैसे अक्षरों का आकार कितना बड़ा रहेगा, शीर्षक कितने बड़े फॉन्ट साइज में लिखा जाएगा, उपशीर्षक लिखा जाना आवश्यक है या नहीं आदि इसमें लिखा जाता है।

इसके बाद कॉपी कंपोजिंग रूम( जहाँ खबरें टाइप की जाती हैं) में पहुंचा दी जाती है। इस कॉपी पर कंपोजिटर( खबरे टाइप व पेज पर सेट करने वाले व्यक्ति) के लिए विशेष दिशा-निर्देश होते हैं। एक बार पूरी खबर कंपोज हो जाती है तो उसका एक प्रूफ( छपने से पहले निकाला गया प्रिंट) ले लिया जाता है। इसके बाद यह कॉपी प्रूफ रीडर (अशुद्धियां ठीक करने वाला व्यक्ति) के पास जाती है।

वह प्रूफ के रूप में आई कॉपी का, खबर की मूल प्रति से मिलान करता है तथा किसी तरह के सुधार की जरूरत होने पर प्रूफ्रीडर उन्हें चिन्हों की सहायता से निर्देशित कर देता है। ये चिन्ह संपादन के चिन्हों से काफी मिलते-जुलते होते हैं। इसके बाद यह कॉपी पुनः कंपोजिटर के पास पहुंच जाती है और वह प्रूफ रीडर द्वारा बताए गए सुधार को सही कर देता है।

अखबार के कार्यालय में उप संपादक का कार्य केवल प्रति को जांचना और उसका संपादन करने तक ही सीमित नहीं होता, बल्कि उसे शीर्षक देकर संबंधित उत्पादन विभाग (production department) तक पहुंचाना भी उसके कार्य में शामिल होता है।

इसके अलावा उत्पादन विभाग के विभिन्न कार्यों में भी उप संपादक शामिल होता है। इन कार्यों में मुख्य रूप से वह काम शामिल होते हैं जो कंप्यूटर पर किए जाते हैं जैसे कंपोजिंग(सामग्री को टाइप करना) , प्रूफ रीडिंग तथा लेआउट( कौन सी खबर कहाँ और कौन सा चित्र कहाँ लगेगा का निर्णय) आदि शामिल होते हैं।

वर्तमान में वीडीटी ( वीडियो डिस्प्ले टर्मिनल) के जमाने में संपादन में कागज का स्थान ही खत्म हो गया है। इस तरीके में संवाददाताओं और समाचार एजेंसियों से खबरें मॉडम के माध्यम से सीधे प्राप्त की जा सकती हैं। पूरी की पूरी खबर एक साथ वीडीटी की स्क्रीन पर देखी जा सकती है। खबरों के लेखन से लेकर उप संपादन, प्रूफ रीडिंग, कंपोजिंग, लेआउट तथा पेज बनाना आदि सारे कार्य वीडीटी स्क्रीन पर किए जा सकते हैं।

बाजार में आए नए नए और आधुनिक कंप्यूटर सॉफ्टवेयर ने वीडीटी की क्षमता में और इजाफा कर दिया। ऐसे में अब ना तो प्रूफ्रीडर की जरूरत रह गई है और न ही कंपोजिटर की, क्योंकि अब यह दोनों काम भी उप संपादक ही कर लेते हैं।

अंग्रेजी में समाचार एजेंसियों से जो खबरें प्राप्त होती हैं वह या तो अप्पर केस(बड़ी एबीसीडी) में या लोअर केस( छोटी एबीसीडी) में होती है। ऐसे में उप संपादक की ही यह जिम्मेदारी होती है की वह सुनिश्चित करें कि, अखबार में प्रकाशन के लिए जाने से पहले कम महत्वपूर्ण की पूरी खबर लोअर केस में हो तथा जो जरूरी विषय हो वे अक्सर अप्पर केस में ही लिखे गए हो।

समाचार एजेंसियों से प्राप्त होने वाले सभी खबरों के ऊपर और नीचे दोनों तरफ विशेष कोड दिए होते हैं। उप संपादक को यह निर्धारित पहले ही कर लेना होता है कि संपादन के दौरान समाचारों से यह कोड हटा दिए गए हो।

READ MORE

By Admin

Copy Protected by Chetan's WP-Copyprotect.

Discover more from अपना रण

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading

Discover more from अपना रण

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading