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बचत फ्लेक्सी जमा योजना सेविंग अकाउंट पर ज्यादा ब्याज देने की एक योजना है। जिसके तहत विभिन्न बैंक अपने सेविंग अकाउंट ग्राहकों को एक निश्चित मूल्य अकाउंट में रखने और उनके आग्रह पर शुरू की जाती है। इस योजना का प्रयोग करने पर आपको अपने सेविंग अकाउंट पर फिक्स डिपोजिट जैसा लाभ प्राप्त होता है और आप इसे कभी भी प्रयोग कर सकते हैं।

उदाहरण के लिए यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में ये सेवा आप पचास हजार रुपए अकाउंट में रखने के बाद शुरू कर सकते हैं। आपके खाते में पचास हजार से जितना ज्यादा रुपया होगा। वह आपका फ्लेक्सी जमा हो जाएगा और बैंक के एफडी पर्सेंटेज के अनुसार आपको उस पर ब्याज मिलेगा। वहीं स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में अगर आपका अकाउंट है और आप फ्लेक्सी अकाउंट का प्रयोग कर एफडी का लाभ अर्जित करना चाहते हैं तो आपको अपने अकाउंट में न्यूनतम पच्चीस हजार रूपए रखने होंगे।

इसके बाद आप जितना मूल्य अपने खाते में रखते हैं उस पर आपको एफडी वाला लाभ बैंक के एफडी पर्सेंटेज के दर पर मिलना शुरू हो जाएगा।(बचत फ्लेक्सी जमा योजना)

सेविंग खाते पर ज्यादा ब्याज ग्राहकों को न मिलते देख कई बैंकों ने अपने ग्राहकों को उनके बचत खाते पर अधिक ब्याज देने के लिए, एक और ऑप्शन को सामने रखा है, जिसे फ्लेक्सी अकाउंट या कहें तो स्वीप इन फैसिलिटी कहा जाता है।

क्या है बचत फ्लेक्सी जमा योजना विस्तार से जानते हैं?

बैंक के बचत खातों(Saving Account) पर ग्राहकों को मिलने वाला ब्याज लगातार कुछ सालों से कम होता जा रहा है। खासकर कोरोना महामारी के समय के दौरान इनके ब्याज दर में और कमी आई है। बड़े कामर्शियल बैंक जैसे SBI बचत खाते पर अपने ग्राहकों को 2.70 % ब्याज सालाना (P.A) दे रहे हैं। वहीं यूनियन बैंक ऑफ इंडिया सालाना अपने बचत खाते उपभोक्ताओं को 2.75 % ब्याज सालाना, पंजाब नेशनल बैंक 2.70% सालाना, एचडीएफसी 3.00 % सालाना तो बैंक ऑफ बड़ौदा 2.75% सालाना ब्याज दे रहे हैं।

बचत खाता एक एक लिक्विड अकाउंट है, ऐसे में इन अकाउंट्स का महत्व बहुत ज्यादा है जिसके चलते इनमें अपने रुपए रखना भी आवश्यक है। परंतु, अगर बैंक के ब्याज दर और फिर बढ़ रही महंगाई को सामने रख कर देखें तो ये उपयोक्ताओं को कहीं न कहीं नुकसान कर ही रहे हैं। ऐसे में आज बैंक्स अपने उपयोक्ताओं के लिए बचत खाते पर भी ज्यादा लाभ कमाने का मौका दे रहे हैं। ये लाभ जो ग्राहकों को बैंको द्वारा दिया जा रहा है इसे ही स्वीप इन फैसिलिटी कहा जाता है।

एसबीआई, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, HDFC, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक समेत ज्यादातर बैंको ने अपने ग्राहकों को ये सुविधा उपलब्ध करा रखे हैं। प्रत्येक बैंक में इनके अलग अलग नाम होते हैं।

स्वीप इन फैसिलिटी के तहत बचत खाता और एफडी का ब्याज

बैंको में बचत खाते के आपके अकाउंट में आपने कितना भी डिपॉजिट किया हो, पर उसपर सालाना ब्याज की रकम में कोई परिवर्तन नहीं होता और बैंक द्वारा निर्धारित प्रतिशत पर ही उपयोक्ता को ब्याज मिलता है। ऐसे में देखा जाए तो यह घाटे का सौदा है। ऐसे में बैंक यह सुविधा देता है की अगर आप अपने बचत खाते या करेंट अकाउंट को एफडी खाते से जोड़ दें तो उसकी एक निश्चित मात्रा के बाद आपको एफडी का लाभ मिलने लगेगा। आप भी अपने बचत खाते के लिए एक रकम फिक्स कर सकते हैं।

वैसे स्वीप इन फैसिलिटी के तहत हर बैंक यह रकम तय कर देते हैं कि बचत खाते में कितने डिपॉजिट लिमिट पार होने के बाद किए गए डिपॉजिट एफडी में गिने जाएंगे। जैसे यूनियन बैंक पचास हजार पर स्वीप इन की सुविधा देता है तो वही एसबीआई पच्चीस हजार पर अपने ग्राहकों को ये सुविधा मुहैया करवाता है।

ऐसे में कहा जाए तो उपयोक्ताओं के बचत अकाउंट में डिपॉजिट, लिमिट से ज्यादा होने पर अतरिक्त अमाउंट पर बैंक ऑटोमेटिकली FD में बदल देते हैं और, उस पर संबंधित बैंक FD के लिए निश्चित ब्याज दर के हिसाब से ब्याज मिलने लगता है। इस सुविधा से कस्टमर को बचत खाते पर तो लाभ मिलता ही रहता है साथ ही अतरिक्त राशि पर FD का ब्याज भी मिलने लगता है। ऐसे में कस्टमर को दोगुना प्रॉफिट होता है।

बचत फ्लेक्सि जमा योजना अकाउंट में इन बातों का रखे ध्यान

बैंक में जब आप फ्लैक्‍सी अकाउंट का ऑप्‍शन चुनते हैं तो आपको बैलेंस रकम का जरूर ध्‍यान रखना चाहिए। सेविंग्‍स अकाउंट में डिपॉजिट लिमिट से ज्‍यादा रहने पर FD ऑटोमेटिकली चलती रहेगी। लेकिन सेविंग्‍स अकाउंट का बैलेंस लिमिट के अंदर आने पर सरप्‍लस अमाउंट की FD खत्‍म हो जाती है। इसे स्‍वीप आउट कहते हैं।

आपको FD का ब्‍याज सरप्‍लस अमाउंट पर ही मिलता है और तब तक ही मिलता है, जब तक सेविंग्‍स अकाउंट बैलेंस लिमिट से ज्‍यादा रहता है। इसे सरल भाषा में समझे तो अगर आपका यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में खाता है और आप बचत फ्लेक्सी योजना का लाभ उठाना चाह रहें है तो आपके अकाउंट में पचास हजार से ज्यादा का डिपॉजिट होना जरूरी है क्योंकि उसी पर आपका बैंक आपको एफडी का लाभ देगा इसके नीचे आते ही आप एफडी का लाभ नही ले पाएंगे। इसी के साथ अगर आप राशि स्वीप इन कर रहे हैं तो वह 5000 या इसके गुणक में होना चाहिए।

स्‍वीप इन फैसिलिटी में FD के लिए भी एक तय डिपॉजिट लिमिट होती है। यानी उस FD में एक लिमिट से ज्‍यादा अमाउंट नहीं जा सकता। ऐसे में आपके पास स्‍वीप इन के तहत एक से ज्‍यादा FD का भी ऑप्‍शन रहता है। यानी सरप्‍लस अमाउंट बढ़ते जाने पर आप एक से ज्‍यादा FD रखकर ज्‍यादा ब्‍याज का फायदा ले सकते हैं।

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