भारत के दौरे पर आए ईरान के विदेश मंत्री डॉ. हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन ने बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मुहम्मद के बारे में हालिया विवादास्पद टिप्पणी पर चिंता जताई है। यह विवाद शुरू होने के बाद से इस्लामिक सहयोग संगठन यानी ओआईसी के किसी सदस्य देश के किसी गणमान्य व्यक्ति की इस तरह की पहली यात्रा है।

ईरानी विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, ‘भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने इसकी पुष्टि की कि भारत सरकार और अधिकारी पैगंबर मुहम्मद का सम्मान करते हैं और कहा कि दोषियों से सरकार और संबंधित स्तरों पर इस तरह से निपटा जाएगा कि दूसरे भी सबक लेंगे।’

अब्दुल्लाहियन 8 जून से भारत की चार दिनों की आधिकारिक यात्रा पर हैं। अगस्त 2021 में पदभार ग्रहण करने के बाद यह उनकी पहली भारत यात्रा है। उन्होंने अपने समकक्ष डॉ. जयशंकर के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। उन्होंने एनएसए अजीत डोभाल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।

अब्दुल्लाहियन ने दैवीय विश्वासों, विशेष रूप से पैगंबर मुहम्मद, और देश में विभिन्न धर्मों के अनुयायियों के बीच धार्मिक सहिष्णुता, ऐतिहासिक सह-अस्तित्व और मित्रता के लिए सम्मान के लिए भारतीय लोगों और सरकार की सराहना की।

ईरान के विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा है, ‘ईरानी विदेश मंत्री ने मुसलमानों की धार्मिक पवित्रता के प्रति संवेदनशीलता पर गंभीरता से ध्यान देने का आह्वान किया। अमीर अब्दुल्लाहियन ने कहा कि मुसलमान दोषियों से निपटने में भारतीय अधिकारियों के रुख से संतुष्ट हैं।’

भारत दौरे पर आए विदेश मंत्री आज मुंबई में होंगे और फिर हैदराबाद की यात्रा करेंगे। बुधवार को उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और दूसरे शीर्ष अधिकारियों से मुलाक़ात की।

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बातचीत के बाद एक ट्वीट में कहा, ‘हमने व्यापार, संपर्क, स्वास्थ्य और लोगों से लोगों के संबंधों सहित हमारे द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा की।’ इसके साथ ही उन्होंने कई समझौतों, अफगानिस्तान और यूक्रेन पर भी बात की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा कि, ‘भारत और ईरान के बीच सदियों पुराने सभ्यतागत संबंधों को और आगे बढ़ाने पर उपयोगी चर्चा के लिए विदेश मंत्री होसैन अमीर अब्दुल्लाहियन का स्वागत करते हुए खुशी हुई। हमारे संबंधों ने दोनों देशों को पारस्परिक रूप से लाभ पहुंचाया है और क्षेत्रीय सुरक्षा और समृद्धि को बढ़ावा दिया है।’

बता दें कि दोनों पक्षों ने भारत-ईरान संबंधों को बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रस्तावों पर भी चर्चा की। इसमें दक्षिण-उत्तर गलियारे के माध्यम से परिवहन के क्षेत्र में और विशेष रूप से चाबहार बंदरगाह, निवेश, व्यापार और शिक्षा के साथ-साथ अनुसंधान और विकास का उपयोग करना शामिल है।

दोनों पक्षों ने सुरक्षा, सैन्य संबंधों और द्विपक्षीय व क्षेत्रीय स्तरों पर आतंकवाद से लड़ने की संभावनाओं और अफगानिस्तान के लोगों की मदद करने पर भी चर्चा की।

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