उत्तरप्रदेश के सुल्तानपुर जिले की कादीपुर तहसील में बीजेथुआ नामक स्थान पर स्थित है हनुमान जी(Hanuman ji) का वह मंदिर जिसके बारे में कहा जाता है कि यहीं महाबली हनुमान ने कालनेमी का वध किया था।

रामायण की कथा के अनुसार जब राम-रावण युध्द में लक्ष्मण जी को शक्ति लगी और वह मूर्क्षित हो गए तो वैद्यराज सुषेण के कहने पर हनुमान जी(Hanuman ji) संजीवनी बूटी लाने, हिमालय की तरफ चल पड़े।
हनुमान संजीवनी बूटी न ला पाएं, इसके लिए रावण ने अपने एक मायावी राक्षस कालनेमी को भेजा, ताकि वह मार्ग में ही हनुमान जी(Hanuman ji) का वध कर दे। कालनेमी मायावी था और उसने एक साधु का वेश धारण कर रास्ते में राम-राम का जाप करना शुरू कर दिया। थके-हारे हनुमान जी राम-राम सुनकर वहीं रुक गए।
कालनेमी ने उन्हें अपनी रामभक्ति का विश्वास दिलाया और उन्हें अपने आश्रम में कुछ समय विश्राम कर, फिर रामकाज के लिए आगे बढ़ने के लिए कहा। हनुमान जी(Hanuman ji) काफी थके हुए थे, सो उन्होंने स्नान करने की इच्छा जताई।
बिजेथुआ में आज भी वह कुंड है, जिसके बारे में कहा जाता है कि इसी में हनुमान जी ने स्नान किया था। जब हनुमान जी इस कुंड में स्नान कर रहे थे तो कहते हैं, कि कालनेमी मगरमच्छ का रूप धारण करके इस कुंड में घुस आया और हनुमान जी को खा जाना चाहा । हनुमान जी से उसका भीषण युद्ध हुआ और हनुमान जी ने यहीं इसी कुंड में उसका वध कर दिया।
कालनेमी के वध के बाद हनुमान जी(Hanuman ji) सीधे संजीवनी लेने हिमालय की तरफ निकल गए। बिजेथुआ महाबीरन मंदिर, महावीर हनुमान की रामभक्ति और वीरता का प्रतीक भी है। हर मंगलवार को यहाँ विराट मेला लगता है।
हनुमान जी(Hanuman ji) का जन्म स्थान कहाँ है?
ज्योतिषियों के सटीक गणना के अनुसार हनुमान जी का जन्म 58 हजार और लगभग 112 वर्ष पहले हुआ था तथा लोकमान्यता के अनुसार त्रेतायुग के अंतिम चरण में चैत्र पूर्णिमा को मंगलवार के दिन, चित्रा नक्षण व मेष लग्न के योग में सुबह 6 बजकर 3 मिनट पर भारत देश के आज के झारखंड राज्य के, गुमला जिले में आंजन नाम के छोटे से पहाड़ी गांव के एक गुफा में हुआ था।
READ MORE
- Hanuman Jayanti: Celebrating the Birth of Lord Hanuman
- Mahavir Jayanti: Celebrating the Life and Teachings of Lord Mahavir
- Ram Navami: Celebrating the Birth of Lord Rama
- Exploring the Significance and Legends of Kamakhya Temple in India
- The Impact of ISKCON on Hinduism and Spirituality
- कोटी का मतलब करोड़ नहीं बल्कि प्रकार है
- CHHATH PUJA: लोकजीवन और सूर्योपासना
- Happy Navaratri:- देवी माता के नौं रूपों की सम्पूर्ण जानकारी
You must be logged in to post a comment.