शीर्षक समाचार पत्र का सारतत्व उदघोषिक करने वाली पंक्ति अर्ध, अर्ध पंक्ति अथवा पद समूह है। प्रेमनाथ चतुर्वेदी के मतानुसार:- शीर्षक समाचार पत्र का प्राण और उसके सार का विज्ञापन है समाचार पत्र की मनोभावना का प्रतिबिंब है। समाचार पत्रों की बिक्री का रहस्य ही शीर्षकों की सार्थकता, पैनापन संक्षिप्तता एवं जीवंतता है। यह कहना अनुपयुक्त नहीं है कि समाचार पत्र समाचारों के कारण नहीं, बल्कि उसके शीर्षक के कारण बिकते हैं। समाचार पत्र के प्रथम पृष्ठ पर दृष्टि डालकर, समाचारों के शीर्षक पढ़कर प्रायः समाचार पत्र लिया जाता है। यदि शीर्षक खास न लगे तो खरीद नहीं की जाती है। ऐसी स्थित में महत्वपूर्ण यही लगता है कि किसी भी समाचार पत्र में उपयुक्त और सार्थक शीर्षक लगाना भी एक कला है। शीर्षक एक कला है क्योंकि संपादकीय विचारों के प्रकट करने का उपाय शीर्षक है। समाचार पत्र के लिए शीर्षक पंक्तियां, कांच लगे हुए उन खिड़कियों का काम कर देती है जिनके भीतर सजाकर रखी गयी विक्रय सामग्री देखकर दर्शक का मन ललचा उठता है और वह उसे खरीदने के लिए उत्सुक हो उठता है।
किसी भी समाचार पत्र में दिए गए शीर्षक का सामान्य उद्देश्य होता है:-
- समाचार को विज्ञापित करना।
- समाचार के महत्वपूर्ण अंश का सार प्रकट करना।
- समाचार पृष्ठ की सज्जा में आकर्षण वृद्धि करना अथवा पृष्ठ का सौंदर्यीकरण करना।
- शीर्षक के बिना एक समाचार पत्र बेस्वाद खाने की तरह प्रतीत होता है।
- एक समाचार पत्र की प्रसार संख्या बढ़ाने में शीर्षक का महत्वपूर्ण योगदान होता है।
- बिना शीर्षक के, खबर के मिल जाने का खतरा रहता है।
शीर्षक में निम्नलिखित विशेषताएं होनी चाहिए:-
- शीर्षक में आम बोलचाल की भाषा का प्रयोग होना चाहिए।
- शीर्षक को आकर्षक बनाने के लिए उसमें मुहावरे का प्रयोग किया जाना चाहिए।
- शीर्षक में कठिन शब्दों का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए।
- शीर्षक की भाषा उच्च स्तरीय और अपमानजनक शब्दों के प्रयोग वाली नहीं होनी चाहिए।
- शीर्षक में ऐसे शब्दों का इस्तेमाल हो जिसको बोले जाने में सहजता हो।
- शीर्षक अर्थपूर्ण और स्पष्ट हो।
- अगर महत्वपूर्ण हो तो प्रमुख तथ्यों पर आधारित हो।
शीर्षक के प्रकार
- तथ्यात्मक शीर्षक
- भावनात्मक शीर्षक…. १) तटस्थ, २) प्रचारात्मक, ३) विरोधी
Tathyatmak shirshak:- तथ्यात्मक शीर्षक वे शीर्षक होते हैं जिनको समाचार में उपलब्ध तथ्यों के आधार पर लिखा जाता है। इन शीर्षकों के चयन और लेखन में इस बात का ध्यान रखा जाता है कि, शीर्षक समाचार की आत्मा और समाचार की मूल भावना से हटकर ना हो। अर्थात ऐसे शीर्षक समाचार की मूल भावना को प्रतिबिंबित करते हैं।
Bhavanatmak shirshak:- किसी भी समाचार के घटना चक्र और विचारों के निष्कर्ष के आधार पर जो शीर्षक दिए जाते हैं वे भावनात्मक शीर्षक कहलाते हैं।
शीर्षक जितना देखने में महत्वपूर्ण विषय है उतना ही तत्व चिंतन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इस दृष्टि से शीर्षक के दो तत्व माने जाते हैं। १) समाचार तत्व २) कथनवक्रता
प्रथम तत्व के अंतर्गत उप संपादक या शीर्षक लेखक को यह ध्यान में रखना आवश्यक होता है कि समाचार पत्र सही और तटस्थ दृष्टि रखकर शीर्षक में समाचार तत्व पर ही ध्यान केंद्रित करें।
द्वितीय स्थिति में समाचार तत्व होते हुए भी शीर्षक में नवीनता और आकर्षकता उत्पन्न करना ही शीर्षक लेखक का कौशल माना जाता है।
शीर्षक के रूप
- क्रॉस लाइन शीर्षक:- ऐसे शीर्षक समाचार पत्र में दिए गए समाचार के नियत स्थान की पूर्ण पंक्तियों में दिए जाते हैं। यह खबर के सम्पूर्ण कॉलमो में फैला होता है। खबर तीन कॉलम की है तो शीर्षक भी तीन कॉलम में दिया जाएगा।
- डबल क्रॉस लाइन शीर्षक:- डबल क्रॉस लाइन दो पूर्ण पंक्ति के शीर्षक होते हैं।
- विलोम स्टूपि शीर्षक:- इसे उल्टा पिरामिड शीर्षक भी कहा जाता है इसमें पहली पंक्ति पूरे कॉलम में फैली होती है और दूसरी पंक्ति कुछ छोटी परंतु बीच में होती है। अगर तीसरी पंक्ति है तो वह भी कॉलम के बीचो बीच होती है जिस कारण इसमें उल्टा पिरामिड की आकृति देखने को मिलती है।
- सोपानी शीर्षक:- इसमें पहली पंक्ति बाई ओर से प्रारंभ की जाती है और इसके बाद कॉलम में कुछ रिक्त स्थान छोड़ दिया जाता है दूसरी पंक्ति दाहिनी तरफ तक पूरी फैली होती है।
- आयातकार शीर्षक:- इसमें पहली पंक्ति कॉलम की पूरी लंबाई में फैली होती है,दूसरी पंक्ति कॉलम के बीचो बीच होती है। तीसरी पंक्ति फिर कॉलम की पूरी लंबाई में हेली होती है।
- ब्लॉक शीर्षक:- इस प्रकार के शीर्षक में एक ब्लॉक या बुलेट का प्रयोग किया जाता है। पहली पंक्ति का शीर्षक कॉलम की पूर्ण लंबाई में फैला होता है। जबकि दूसरी पंत की शुरुआत एक बुलेट के साथ होती है ब्लॉक या बुलेट से पहले कुछ स्थान छोड़ा जाता है।
- बैनर शीर्षक/पताका शीर्षक:- बैनर शीर्षक या पटाका शीर्षक ये शीर्षक अखबार की मुख्य खबर में दिए गए प्रथम पृष्ठ पर शीर्ष खबर के रूप में स्थान पाते हैं। आमतौर पर आठ कॉलम में इस शीर्षक को लिखा जाता है।
- कपाली शीर्षक:- ऐसे शीर्षक जो समाचार पत्र के सबसे ऊपर नजर आते हैं वह कपाली शीर्षक कहलाते हैं।
- सीढ़ीदार शीर्षक
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