कॉपी संपादन वह क्रिया है जिसके द्वारा कोई भी संपादक या उपसंपादक लिखित सामग्री में विभिन्न तरह के सुधार और बदलाव करता है। प्रति या कॉपी उस लिखित सामग्री को कहा जाता है जिसमें अभी सुधार किया जाना है। अंत मे उसे कंपोज़ या टाइप करना होता है ताकि उसे प्रकाशित किया जा सके। वह व्यक्ति जो प्रति या कॉपी में विभिन्न तरह के बदलाव कर उसे प्रकाशन योग्य बनाने के साथ उसे पाठक के लिए रुचिकर बनाता है उसे, सब-एडिटर या उपसंपादक कहा जाता है।

RULE OF THIRDS 02

कॉपी संपादन

प्रति संपादन का अर्थ सामान्यतः पूर्ण विराम , अल्प विराम , अर्ध विराम, व्याकरणिक त्रुटियां को दूर करने के साथ-साथ संबंधित सामग्री को अपने अखबार या पत्रिका आदि में प्रयोग होने वाले फॉन्ट तथा साइज में टाइप करवाना उसे सही शीर्षक तथा उपशीर्षक देना है व , उसमें दी जाने वाली विभिन्न तरह की सूचना ग्राफ़िक्स बनवाना, मुख्य बिंदु निकलना आदि काम उप संपादक का होता है, उपसंपादक ही कॉपी संपादन करता है।

ये सारे कम उपसंपादक को उस समय से पहले करवाने होते हैं, जब कंप्यूटर ऑपरेटर या टाइप सेटर समाचार पत्र या पत्रिका का अंतिम प्रूफ नहीं निकाल देता है। उपसंपादक को यह भी सुनिश्चित करना होता है कि शब्दों का प्रवाह सही हो अर्थात कोई पाठक किसी खबर या आलेख को, पढ़ना शुरू करे तो अंत तक पढ़ता ही जाए।

apnaran tumblr

Read more

By Admin

Copy Protected by Chetan's WP-Copyprotect.