वर्तमान समय में सोशल मीडिया जैसे फेसबुक ,ट्विटर और इंस्टाग्राम से संवाद का दायरा बढ़ रहा है। यूट्यूब के आने के बाद सोशल मीडिया का दायरा और बढ़ गया है। इस संदर्भ में अधिकांश लोगों का मानना है कि सोशल मीडिया ने निश्चित रूप से लोगों के बीच संवाद का दायरा बढ़ाया है।

person holding iphone showing social networks folder
Photo by Tracy Le Blanc on Pexels.com

आज लोग बिना किसी हिचकिचाहट के किसी भी मसले पर अपनी राय देने में सक्षम हैं । सोशल मीडिया के लिए बने नियमों का सही रूप में, क्रियान्वयन न हो पाना और इसके सकारात्मक इस्तेमाल की जानकारी का अभाव ,इसे दोधारी तलवार बनाने में मुख्य भूमिका निभा रहा है। इसे मीडिया ही नहीं, बल्कि सरकार भी अपनी शक्तियों का दोधारी तलवार के रूप में उपयोग कर रही है । सरकार सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के बहाने ,अपने विरोधियों को पस्त करने का असफल प्रयास कर रही है।

मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है, हाल ही में घटी कुछ घटनाओं ने इसके प्रति लोगों का नजरिया बदल दिया है। इन सब का कारण देखा जाए तो कहीं न कहीं सोशल मीडिया ही है। दुनिया में सोशल मीडिया का प्रयोग करने वाले लोगों का आंकड़ा आज 2 अरब को पार करने को हो रहा है।

यानी कहा जाए तो विश्व का प्रत्येक छठा मनुष्य मीडिया के इस नए अवतार का उपयोग कर रहा है। भारत में इन माध्यमों को, उपयोग करने वालों की संख्या एक करोड़ से ऊपर है और लॉकडाउन के चलते इस आंकड़े को और ऊपर जाने का अनुमान है। जिसमे वृद्धि आसानी से देखी जा सकती है।

आज सूचनाओं से लेकर शिक्षा , कारोबार , मनोरंजन , तकनीक , सहित सभी क्षेत्रों में यह अपना पाव मजबूती से पसार रहा है।इसके प्रयोग से, कोई भी सटीक जानकारी आप प्राप्त कर सकते हैं।2004 में इंडोनेशिया में आये भूकंप से उठी सुनामी हो या ओसामा बिन लादेन के ठिकाने पर अमेरिकी हमला, ऐसी तमाम बड़ी घटनाओं का स्त्रोत, अब सोशल मीडिया को बनते देखा जा सकता है।मिस्र ,सीरिया , लीबिया , बहरीन जैसे देशों में क्रांति का विगुल सोशल मीडिया के द्वारा ही जनता ने बजाया है।

सोशल मीडिया का प्रयोग सत्ता पक्ष पर दबाव बनाने से लेकर उपभोक्ता को उत्पाद की जानकारी देने तक इसकी महत्वपूर्ण भूमिका देखी जा सकती है।

सरकार हमेशा से सूचना को छिपाने के लिए जानी जाती है। जानकारी दबाने के लिए वैसे ही पारंपरिक मीडिया से लोगों का विश्वास उठता जा रहा है और लोग वैकल्पिक मीडिया की ओर बढ़ते जा रहे हैं।अगर कुछ समय पहले की बात करें तो कोयला से संबंधित कैग रिपोर्ट , पारंपरिक माध्यमों में एक दिन के बाद गायब सी हो गयी।

अब कम से कम सोशल मीडिया तो लोग लगातार उसके बारे में लिख तो रहे हैं। बुनियादी बात यह है कि न्यू और सोशल मीडिया सिर्फ माध्यम भर हैं। उनकी असली ताकत यह है कि वे लाखों लोगों को एक दूसरे से जुड़ने, अपनी भावनाएं व्यक्त करने, विचार शेयर करने, गोलबंद करने और सबसे बढ़कर खुलकर अपनी राय व्यक्त करने की आज़ादी दे रहा है। जिसका लोग जमकर प्रयोग भी कर रहे हैं।

आप जिसप्रकार से सोशल मीडिया को चलाएंगे सोशल मीडिया आपको उसी प्रकार के कंटेंट या उससे संबंधित विषय दिखएगा। इसलिए सोशल मीडिया का प्रयोग करए हुए सच और झूठ , अच्छा और बुरा, का भी ध्यान रखिए।

Only for education purpose

READ MORE

By Admin

One thought on “सूचना सम्प्रेषण में सोशल मीडिया की भूमिका”

Comments are closed.

Copy Protected by Chetan's WP-Copyprotect.

Discover more from अपना रण

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading

Discover more from अपना रण

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading