स्तुति क्या होती है?
स्तुति का अर्थ होता है किसी देवता की प्रशंसा, गुणगान और भावपूर्ण स्मरण। सनातन धर्म में हर देवी-देवता के लिए विशेष स्तुतियाँ रची गई हैं, जिनमें उनके स्वरूप, शक्ति और कृपा का वर्णन होता है।
सभी स्तुतियों में सर्वश्रेष्ठ – कौन सी?
धार्मिक ग्रंथों और संतों की मान्यता है कि “श्री शिवमहिम्न स्तोत्र” सभी स्तुतियों में सबसे श्रेष्ठ मानी जाती है। यह स्तोत्र भगवान शिव की महिमा, उनकी करुणा और सर्वशक्तिमान स्वरूप का अद्वितीय वर्णन करता है।
शिवमहिम्न स्तोत्र की रचना और विशेषता
इस स्तुति की रचना गंधर्व पुष्पदंत ने की थी। कथा के अनुसार, पुष्पदंत चोरी से भगवान शिव की स्तुति सुनते थे और उसी भाव में उन्होंने यह स्तोत्र रचा।
इसमें शिवजी के निर्गुण-सगुण रूप, सर्वव्यापकता, और उनकी कृपालुता का गहन वर्णन है।
क्यों मानी जाती है यह सर्वश्रेष्ठ स्तुति?
शिवमहिम्न स्तोत्र में केवल भगवान शिव की नहीं, बल्कि संपूर्ण ब्रह्मांडीय व्यवस्था और तत्वज्ञान का समावेश है।
यह स्तोत्र आध्यात्मिक गहराई, भक्ति की भावना, और आत्मिक शुद्धि का माध्यम है।
इसके प्रत्येक श्लोक में शिव तत्व की महिमा समाई हुई है।
पाठ का श्रेष्ठ समय
इस स्तोत्र का पाठ प्रातः सूर्योदय से पूर्व या रात्रि में सोने से पहले करना अत्यंत लाभकारी होता है।
सोमवार, शिवरात्रि, और महाशिवरात्रि पर इसका पाठ विशेष फलदायी माना जाता है।
शिवमहिम्न स्तोत्र पाठ के लाभ
- मानसिक, शारीरिक और पारिवारिक कष्टों का निवारण
- भक्ति में गहराई और मन की शांति
- आत्मिक उन्नति और शिवजी की विशेष कृपा
- जीवन में संकटों से रक्षा और आंतरिक बल की प्राप्ति
निष्कर्ष
शिवमहिम्न स्तोत्र न केवल एक स्तुति है, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है। यह स्तोत्र सबसे शक्तिशाली और प्रभावकारी माना गया है, जो साधक को भगवान शिव के अनंत स्वरूप से जोड़ता है।
Read More
- सावन में भगवान शिव की पूजा कैसे करें? जानिए सही विधि और मनोकामना पूर्ण उपाय
- Kisan ki Baat: किसानों को करना होगा थोड़ा और इंतजार
- सुबह उठते ही करें ये 5 काम, शरीर और दिमाग रहेंगे एक्टिव और हेल्दी
- Instagram Reels: 10 हजार व्यूज में कमाई होती है या नहीं? जानिए पूरी जानकारी
- Birthday Trip: निक जोनस संग रोमांटिक पल, समुंदर के बीचों-बीच मनाया बर्थडे
Discover more from अपना रण
Subscribe to get the latest posts sent to your email.

