
Andaman and Nicobar Island
अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह भारत का एक केन्द्र शासित प्रदेश है। ये बंगाल की खाड़ी के दक्षिण में हिन्द महासागर में स्थित है। अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह लगभग 572 छोटे बड़े द्वीपों से मिलकर बना है जिनमें से सिर्फ कुछ ही द्वीपों पर लोग रहते हैं। इसकी राजधानी पोर्ट ब्लेयर है।
- ऐसा माना जाता है कि अंडमान शब्द मलय भाषा के शब्द हंदुमन से आया और निकोबार शब्द भी इसी भाषा से लिया गया है।
- यहां पर पर सबसे ज्यादा बंगाली भाषा बोली जाती है। इसके अलावा हिन्दी, तमिल, तेलगू और मलयालम भाषा बोलने वाले लोग हैं।
- इस द्वीप की उत्पत्ति को लेकर लोगों में तरह-तरह की मान्यताएं हैं, ऐसा माना जाता है कि अण्डमान शब्द हनुमान का एक रूप है, जो संस्कृत मूल के मलय भाषा से प्रचलित हुआ है। दरअसल, मलय में रामायण के हनुमान पात्र को हन्डुमान कहा जाता है और निकोबार का मतलब है नेकेट लोगों को लैंड।
- अंडमान में बटरफ्लाई आपको खूब दिखेंगी। अंडमान तितलियों के लिए ‘हैप्पी आईलैंड’ है। आसपास के उष्णकटिबंधीय आइलैंड से ढेरों तितलियां यहां पहुंचती हैं।
- अंडमान आइलैंड का 90 फीसदी इलाका सघन जंगली है। यह भारत के किसी भी राज्य से ज्यादा है।
- अंडमान निकोबार में कोकोनट क्रैब अधिक मात्रा में पाए जाते हैं।ये जमीन पर पाए जाने वाले सबसे विशाल क्रेब होते है जिनकी लंबाई 1 मीटर तक हो सकती है। इनका पसंदीदा आहार कोकोनेट होता है यह अपने मुंह से नारियल के मजबूत खोल को भी तोड़ देते है।
- अंडमान में कमर्शियल फिशिंग बैन है। यह धरती की उन चुनिंदा जगहों में से हैं जहां मछलियों को उम्र पूरी कर मरने का अवसर मिलता है और वह अपनी जिंदगी जीती है।
- अंडमान में ज्यादातर बंगाली भाषा बोलने वाले लोग रहते हैं इसी के साथ हिन्दी, तेलगू तमिल और मलयालम भाषा भी बोली जाती है।
- भारत में सिर्फ अंडमान में वाल्केनो देखा जा सकता है। देश का इकलौता सक्रिय वाल्केनो अंडमान में ही है जो कि पोर्ट ब्लेयर से 135 किमी दूरी पर मौजूद है।
- बहुत कम लोगों को ही पता होगा कि देश में कहीं भी पहली बार पोर्ट ब्लेयर में ही तिरंगा फहराया गया था। जो की अण्डमान व निकोबार द्वीपसमूह की राजधानी हैं।
- पहला यूरोपीय जिसने अंडमान में अपनी कॉलोनी बनाई वह डेनिश (डेनमार्क का निवासी) था। यह 1755 में अंडमान पहुंचा था। अंग्रेज पहली बार 1789 में अंडमान पहुंचे थे, वह भी चंथम आइलैंड पर। अंग्रेजों ने यहां अपनी कॉलोनी और नेवल मिलिट्री बेस बनाया।
- भारत से ज्यादा अंडमान इंडोनेशिया और बर्मा के नजदीक है। अंडमान की इंडोनेशिया से दूरी 150 किलोमीटर है जबकि भारत की सीमा इससे 800 किलोमीटर दूर है।
- डेनिश कॉलोनियल रूल यहां 1868 में खत्म हुआ था। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि ब्रिटिशर्स ने इसे खरीद लिया था। इसके बाद आइलैंड का पूरा अधिकार अंग्रेजों के हाथ में चला गया।
- अंग्रेजी शासन में अंडमान का नाम ‘कालापानी’ की सजा के लिए चर्चित थ। यहां की सेल्युलर जेल आज भी स्वाधीनता संग्राम के नायकों की कहानी कहती है। हालांकि इस जेल को अब राष्ट्रीय स्मारक में बदल दिया गया है।
- द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अंडमान और निकोबार एकमात्र भारत का ऐसा भूमिक्षेत्र था जिसपर जापान ने कब्जा जमाया था। जापान ने भारत के उत्तर पूर्व के कुछ हिस्सों को भी कब्जे में लिया था लेकिन सिर्फ 6 महीने के लिए। इस आइलैंड पर 3 साल तक जापान का कब्जा रहा था।
- सुभाष चंद्र बोस ने अपनी ‘आजाद हिंद फौज’ को जापानी मदद से और मजबूत किया। यह द्वितीय विश्व युद्ध का ही दौर था। बोस ने उत्तर और दक्षिणी आइलैंड को शहीद द्वीप और स्वराज द्वीप नाम दिया था।
- अंडमान का स्टेट एनिमल है डुगोंग। यह एक समुद्री जीव है और अपने जोड़े संग बेहद शर्मीला रहता है। इनके 5 ब्रीडिंग सेंटर हैं जिसमें से एक अंडमान में है।
- यहां रहने वाले मूल जनजाति बाहर से आने वाले लोगों के साथ घुलते-मिलते नहीं हैं. यहां के निवासी मुख्यतः ‘जार्वा’ जनजाति से हैं। यह 500 से भी कम की संख्या में हैं और बाहरी लोगों से बिल्कुल घुलते मिलते नहीं हैं।
- वैश्विक स्तर पर आइलैंड बेहद चर्चित है लेकिन आज भी इसकी कई ऐसी जगहें हैं जहां इंसान पहुंच ही नहीं सका है। इसके कुल 572 आइलैंड्स में से 36 ही जाने या बसने लायक है। निकोबार में जाने के लिए सिर्फ रिसर्च या सर्वे के लिए ही चुनिंदा लोगों को इजाजत मिलती है। टूरिस्ट के लिए यहां जाना भी मुश्किल है।
- यहां पर सबसे ज्यादा समुद्री कछुए पाए जाते है। धरती का सबसे बड़ा कछुआ यहीं पर अपना ठिकाना बनाता है। इस कछुए का नाम Dermocheleys Coriacea है। यह साइज में बेहद बड़े होते हैं और हर साल अंडमान पहुंचते हैं। धरती का सबसे छोटा कछुआ ओलिव राइडली भी अंडमान पहुंचकर आसरा बनाता है।
- 20 के नोट पर जंगल वाला हिस्सा अंडमान द्वीप का ही है।
- अंडमान के दो आइलैंड्स का नाम ईस्ट इंडिया कंपनी के दो ऑफिसर्स के नाम पर रखा गया है। ये आइलैंड हैं- हेवलॉक और नील आइलैंड।
- अंडमान के आइलैंड्स पर सदी के पहले सूर्योदय की पहली किरण पड़ी थी। ऐसा सौभाग्य कैचल आइलैंड को मिला था।
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