द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान –
जापान का एक लड़का अपने छोटे भाई के अंतिम संस्कार के लिए लाइन में खड़ा है।

एक इंटरव्यू में फोटोग्राफर बता रहा है कि बच्चा स्वयं को रोने से रोकने के लिए अपने होठों को इतनी जोर से दबाये हुए है कि उसके होठों से खून निकलकर नीचे गिरने लगता है। जब श्मशान का रखवाला उसका नंबर आने पर कहता है कि “जो बोझा तुमने अपनी पीठ पर ले रखा है वह मुझे दे दो” तो बच्चा कहता है “यह बोझा नहीं मेरा भाई है” और कहते हुए वहां से निकल जाता है।
जापान में आज भी यह तस्वीर शक्ति का प्रतीक मानी जाती है!
छोटे भाई को ,बडा भाई कभी बोझ नही मानता भले टूट जाये ।
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