अपना रण
मंकी माइंड(Monkey Mind) एक ऐसी प्रवृत्ति है, जो हर वक़्त आपके दिमाग को एक विषय से दूसरे विषय पर भटकाने का प्रयास करती रहती है। यह आपको हमेशा पास्ट और फ्यूचर के बारे में लेकर भटकाने का प्रयास करता है।एक रिसर्च के अनुसार मंकी माइंड के अंतर्गत लगभग 90 फीसद के करीब लोग आते हैं।
अगर आपको जानना है कि क्या आपका दिमाग मंकी माइंड के कब्जे में है तो सामान्यतः आपको यह उत्तर आसानी से मिल जाएगा। असल में मंकी माइंड के तहत आप अपने विचारों और भावनाओं में खो जाते हैं और उन वस्तुओं या सेवाओ के बारे में सोचने लगते हैं जो आपके पास वर्तमान में उपलब्ध नही है, बस यहीं से शुरू हो जाता है इसका खेल।
मंकी माइंड(Monkey Mind) का नाम यू ही मंकी माइंड नहीं रखा गया है वास्तव में हम अगर मंकी यानी बंदर को देखें तो वे हर वक्त एक पेड़ से दूसरे पेड़ एक टहनियों से दूसरे टहनियों पर जाते रहते हैं, उनका मन शांत नहीं रहता जब वे एक पेड़ पर जाते हैं तो दूसरे पेड़ को देख कर अच्छा लगता है और जब वे दूसरे पेड़ पर जाते है तो उन्हें तीसरे पेड़ पर जाना अच्छा लगता है |
बस ऐसे ही मानव दिमाग मे भी केमिकल लोचा होता है, जिससे व्यक्ति किसी विषय के बारे में सोचने लगता है और उसके पूरे होने से पहले वह और किसी मुद्दे पर भाग जाता है।
उदाहरण के लिए आप शिमला या मनाली घूमने की फिराक में है पर आपका मंकी माइंड कह रहा है कि वहाँ ठंड बहुत है और तुरंत ही वह कह रहा है कि वहाँ जान को खतरा हो सकता है, उस खतरे से कैसे बचा जाए यह सब सोचने लगता है और ऐसे ही कड़ियों को जोड़ता जाता है और आपके मनाली या शिमला के ट्रिप को बेकार कर देता है और आप….
खुद न जाने का मन बना लेते हैं फिर बाद में यही मंकी माइंड(Monkey Mind) आपको वहाँ न जाने के लिए दुत्कारता है और वह क्या-क्या अच्छा हो सकता था उसे मन मे लाता है। सामान्यतः हमने अपने बड़े बुजुर्गों से सुना ही है कि किसी काम को करने में ज्यादा सोचना नहीं चाहिए, अगर वह काम अच्छे के लिए है तो शुरू कर देना चाहिए, फल की चिंता करके अच्छे अवसर को नही खोना चाहिए।
मंकी माइंड के लिए एक कहावत है कि एक समय मे केवल एक ही नाव मे पैर रखें और अगर एक साथ कई नाव में पैर रखा तो आप कभी भी किनारे पर पहुँच नहीं पाएंगे। यह जो कई नाव हैं यही मंकी माइंड(Monkey Mind) है। ऐसा ही जाल ये भी हमारे मन मे बुनता है जो कि एक एक कर के जकड़ता चला जाता है और आप ब्लेंक हो जाते हैं।
वास्तव में ये हमारी गलती नहीं है कि हम इसके जाल में फंस जाते है बल्कि हमें ये बताया ही नही जाता कि इससे दूर कैसे रहें। आपको अगर सच मे इससे दूर होना है तो सबसे पहले आपको ये समझना होगा की आपको कोई कार्य पूरा करना ही है, बिना उस काम के पूरा हुए दूसरा काम छूना नहीं है तो आप अवश्य ही सफल हो सकते हैं। इसके लिए आपको एक लक्ष्य बनाना जरूरी है और उसी लक्ष्य पर काम करना जरूरी है।
योग ही एक उपचार है मंकी माइंड(Monkey Mind) को एक काम पर लगाने का। यह एक रामबाण है जो शुरुआत में थोड़ा दिक्कत करेगा आपका मन भटकेगा पर अंत मे भगवान राम के बाड़ों की तरह अचूक उपाय और औषधि की तरह काम करेगा। जिससे आपको शांत और फोकस करने में आसानी होगी।
मंकी माइंड(Monkey Mind) पर अपना अधिकार जमाने के लिए मंकी से दोस्ती करना जरूरी है। मंकी माइंड है तो उसका मन तो फुदकता ही रहेगा ऐसे में उसे काम पर लगाना जरूरी है।
यहाँ आपको यह बात जानना होगा कि उसे कंट्रोल कैसे किया जाए। इसके लिए आपको योग करने की आवश्यकता है जहाँ मंकी माइंड(Monkey Mind) को सांस पर ध्यान केंद्रित करने को कहना होगा और उसे उसपर कंसन्ट्रेट करने को कहना होगा। जब आप उसे शुरुआत में काम पर लगाएंगे तो वह आपको विभिन्न तरह के सोच में पिरोने की कोशिश करेगा पर आपको उसे उसी काम पर लगाए रखना है, कुछ समय बाद आपकी बात मानने लगेगा।
फिलहाल किसी को कहना, लिखना या उत्तर देना इन मामलों में आसान है पर असल जिंदगी में आप खुद को किस प्रकार से और किस माइंड सेट से किसी टास्क को पूरा करते है या किस कंट्रोल से आप उसे पूरा करने के प्रयासरत हैं ये पूर्णतः आप पर निर्भर करता है। किसी के कुछ कहने से तब तक फर्क नहीं पड़ेगा जब तक आप स्वयं उसके लिए तैयार न हो जाएं और तैयार होने के लिए ऊपर लिखे हुए कुछ बातों को मानना जरूरी हो जाता है। आगे आपकी इच्छा शक्ति पर निर्भर है कि आप क्या मानते हैं।
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