स्त्रीत्व
स्त्रीत्व….By anshu saw यह सोच कर कभी -कभी मेरी स्त्रीत्व भी शरमा जाती है कि, बिना कुछ सोचे बिना कुछ समझे… अपनी ही जाति के लिए हमारी उंगलियां… कैसे उठ…
आइये कुछ नया करते हैं
स्त्रीत्व….By anshu saw यह सोच कर कभी -कभी मेरी स्त्रीत्व भी शरमा जाती है कि, बिना कुछ सोचे बिना कुछ समझे… अपनी ही जाति के लिए हमारी उंगलियां… कैसे उठ…
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