हमें CPR का प्रयोग उस समय करना चाहिए जब कोई व्यक्ति सांस नहीं ले पा रहा हो। इसी प्रकार से हमें बच्चों या शिशुओं पर, तब सीपीआर पद्धति का प्रयोग करना चाहिए, जब उन्हें साधरण रूप से सांस लेने में दिक्कत हो रही हो।
याद रखें, यदि कोई सांस नहीं ले पा रहा है, तो ऐसे में उसको सीपीआर देने से, उसके दिमाग़ में ऑक्सीजन से भरपूर खून पहुंचने का संदेह कम हो जाता हैं। क्योंकि उसे सीपीआर की हेल्प से खून में ऑक्सीजन जैसे जरूरी कारक मिलते रहते हैं। CPR KI महत्व इसलिए भी है कि, बिना ऑक्सीजन के, किसी को परमानेंट ब्रेन डैमेज या फिर लगभग 8 मिनिट में मृत्यु हो सकती है।
एक व्यक्ति को सांस के रुक जाने पर, दिए गए चुनिंदा बिंदुओं में से कोई भी लक्षण दिखने पर CPR दिया जा सकता है।
- एक कार्डियक अरेस्ट या हार्ट अटैक आने पर
- चोकिंग यानी गले में कुछ फसने के कारण सांस न ले पाने की स्थिति में
- किसी सड़क दुर्घटना में
- लगभग डूबने की स्थिति में बचाए जाने वाले को
- घुटन
- जहर
- किसी ड्रग या शराब के ओवरडोज ले लेने वाले व्यक्ति को
- धुएं के कारण सांस न ले पाने की स्थित में
- बिजली के झटके
- अचानक संदिग्ध हालात में शिशु मृत्यु सिंड्रोम के स्थिति में
केवल CPR तभी करें, जब व्यस्क, बच्चा या शिशु सामान्य रूप से सांस नहीं ले पा रहे हों और उनका रक्त प्रवाहित न हो पा रहा हो। यहीं कारण है कि किसी के ऊपर सीपीआर का प्रयोग करने से पहले, संबंधित व्यक्ति से मौखिक या शारीरिक रूप से जवाब मांगना चाहिए। अगर व्यक्ति कोई प्रक्रिया नहीं दे रहा है तब आप इस प्रक्रिया का प्रयोग उस पर कर सकते हैं।
सारांश
सीपीआर एक जीवन रक्षक फर्स्ट एड प्रक्रिया है। अगर किसी व्यक्ति को किसी दुर्घटना या आघात के बाद हार्ट अटैक आया है या सांस नहीं ले पा रहा है। तब ऐसी स्थिति में यह पद्धति उस संबंधित व्यक्ति के जीवन को काल के मुंह से निकालने में सहायक हो सकता है।
हां, सीपीआर करने के लिए तैयार होते हुए इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि मरीज कोई व्यक्ति, बच्चा या शिशु है। क्योंकि तीनों पर सीपीआर करने के पद्धति कुछ अलग है। आप हमारे इस लिंक पर क्लिक कर, संबंधित जानकारी ले सकते हैं। हालांकि, छाती के संकुचन और सांसों के बचाव प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं रहेगा।
इस पद्धति का प्रयोग तभी करें, जब किसी वयस्क(adult), बच्चे या शिशु ने सांस लेना बंद कर दिया हो। वहीं इसे शुरू करने से पहले यह कन्फर्म कर लेना चाहिए कि, उसने उस व्यक्ति की जांच कर ली है और यह भी परख लिया है कि संबंधित मरीज की मौखिक या शारीरिक गतिविधि का जवाब नहीं दे रहा हो।
सीपीआर पद्धति के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। ये जानकारी जन रुचि को ध्यान में रखकर पब्लिश की गई है। अपना रण किसी भी क्षति के होने की स्थिति में उत्तरदाई नहीं है।
READ MORE
- हार्ट अटैक क्यों आता है? इससे बचने के क्या उपाय हो सकते हैं? यहां जानें सबकुछ
- पोस्टल बैलेट या डाक मत पत्र क्या होता है कौन करता है इसका प्रयोग?
- रोजाना खाई जाने वाली ये 10 चीजें बड़ा सकती है आपके दिल की मुश्किलें
- Cardiac attack या heart attack आने पर CPR KAISE करें?
- दिल के बीमारी से अगर बचना है तो रात में 10 से 11 के बीच आपको सो जाना है, रिसर्च ने किया है यह दावा
[…] हमें CPR का प्रयोग कब करना चाहिए […]
[…] हमें CPR का प्रयोग कब करना चाहिए […]
बहुत उपयोगी।