पिछले 6 वर्षों में जिस तरह से डिजटलाइजेशन हुआ है और जिस तरह से ऑनलाइन शॉपिंग का क्रेज लोगों के बीच बड़ा है… उतने ही रफ्तार से डाटा के चोरी का मामला भी बड़ गया है. ऐसे में डेटा का उल्लंघन इंटरनेट युग में प्रशासन के साथ आम लोगों के लिए भी खतरे की घंटी बन चुका है. आइए जानते हैं क्या है कार्ड टोकनाइजेशन….
भारतीय रिजर्व बैंक ने साइबर सुरक्षा के इस खतरे को दूर करने के लिए समय-समय पर कई उपाय लागू किए हैं. ऐसे में कार्ड का टोकनाइजेशन भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा उठाए जाने वाला एक नया उपाय है. नवभारत टाइम्स के एक रिपोर्ट का हवाला दें तो, उस रिपोर्ट के मुताबिक, 1 अक्टूबर 2022 से ग्राहकों को ऑनलाइन शॉपिंग करने के दौरान अपने कॉर्ड को टोकनाइजेशन करने के लिए कहा जा सकता है.
क्या है कार्ड टोकनाइजेशन
टोकनाइजेशन एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें आपके कार्ड को एक हाई सिक्योर एन्क्रिप्टेड कोड से बदल दिया जाता है. इसी परिवर्तित हुए एनक्रिप्टेड कोड को टोकन कहा जाता है. प्रत्येक टोकन में कार्ड, टोकन रिक्वेस्टर, टिस डिवाइस से रिक्वेस्ट किया गया है, इन सभी की जानकारी को कॉम्बिनेशन होता है.
एक बार कार् टोकनाइजेशन के बाद मर्चेंत ऑनलाइन पेमेंट को प्रोसेस करने के लिए इन्हीं टोकन का इन्हीं टोकन का प्रयोग करेंगे.
कार्ड टोकनाइजेशन की आखिर जरूरत क्यों…
जब कभी हम किसी ई-कॉमर्स वेबसाइट या एप्लिकेशन पर खरीददारी करते हैं तो आपको क्रेडिट या डेबिट कार्ड की डिटेल को संरक्षित करने के लिए कहा जाता है. इसके पीछे वेबसाइट का तर्क है कि इससे आगे का ट्रांजेक्शन जल्दी हो जाता है. हालांकि अगर देखा जाए तो इस साहूलियत के साथ सुरक्षा का रिस्क भी जुड़ा हुआ होता है. यदि आपके डेटा को लीक कर दिया जाए या दूसरे शब्दों में कहें तो हैक कर लिया जाए तो इसके पूरे कयास हैं कि आपको घाटा का सामना करना पड़ सकता है. इसी समाधान के लिए रिजर्व बैंक ने कार्ड टोकनाइजेशन का फुल-प्रूफ प्लान जारी किया है.
आरबीआई ने पहली बार इसका प्रस्ताव मार्च, 2020 में लाया था और इसे सितंबर 2021 तक लागू कर देने का प्लान था. परंतु कुछ कारणों की वजह से इसे सितंबर 30, 2022 तक टाल दिया गया था. जिसे अब 1 अक्टूबर 2022 से लागू कर दिया जाना है.
कार्ड टोकनाइजेशन करवाना क्या उपभोक्ताओं को जरूरी होगा
ऐसा नहीं है कि उपभोक्ताओं को कार्ड का टोकनाइजेशन करवाना जरूरी है. आपके पास एक ग्राहक के तौर पर यह विकल्प हमेशा मौजूद है कि आप क्या टोकनाइजेशन करवाना चाहते है या नहीं. अर्थात् आपके पास हाँ या न का विकल्प हमेशा रहेगा.
कार्ड टोकनाइजेशन
क्या पड़ेगा प्रभाव इससे लोगों और कंपनियों पर..
कार्ड टोकनाइजेशन होने के बाद फिलहाल देखा जाए तो ऑटो डबिट या स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शन वाले भुगतान प्रभावित हो सकते हैं. ई-कॉमर्स मर्चेंट को ग्राहकों के सभी पेमेंट डिटेल को डिलिट करने के लिए निर्देश दिए जा चुके हैं. इसका सीधा सा मतलू अगर देंखे तो आपको शॉपिंग या पेमेंट करने के लिए सारे डिटेल्स दोबारा से फिल करने होंगे. लेकिन यहाँ एक बात बता दें कि अगर आपने अपना कार्ड टोकनाइजेशन कर लिया तो आप इस झंझट से पूरी तरह से निकल सकते हैं. इसी के साथ एक सूचना यह भी दे-दें कि कार्ड टोकनाइजेशन संबंधित जो भी शिकायतें दायर की जाएंगी उनके निदान करने की जिम्मेदारी कार्ड जारीकर्ता की ही होगी.
READ MORE
- दिल्ली में बिजली सब्सिडी केवल उन्हीं को जो करेंगे सब्सिडी का आवेदन- अरविंद केजरीवाल
- फोटोग्राफी का सिद्धांत
- मसहूर भारतीय कॉमेडियन गजोधर भैया ( RAJU SHRIVASTAV) का 58 वर्ष की उम्र में निधन
- श्रीनिवासन रामानुजन ने सपने में देख लिया था ब्लैक होल!बना दिया था फॉर्मूला
- क्या जामिया मीलिया इस्लामिया में होता है धर्म के नाम पर भेदभाव ?
- कल भी सूरज निकलेगा कल भी पंछी गाएंगे
- कल भी सूरज निकलेगा कल भी पंछी गाएंगे
- Audience Research का पत्रकारिता के क्षेत्र में महत्व
- Cancelled Cheque क्या है, आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं
- अलग-अलग रंग के Milestone सड़क पर क्यों लगाए जाते हैं?
- टेलीविजन का इतिहास भारत के संदर्भ में
- फूलन देवी: ‘बैंडिट क्वीन’ नाम से मशहूर फूलन देवी ने कैसे लिया अपने बलात्कार का बदला
- वीगन डाइट क्या है, वेजेटेरियन से यह कैसे अलग है?
- प्रेमाग्रह
- अंपायर निर्णय समीक्षा प्रणाली(UDRS) या डीआरएस(DRS) क्या होता है? क्रिकेट में इसका कार्य क्या है?
- आखिर क्यों चढ़ाई जाती है SATELLITE पर सोने की परत
[…] क्या है कार्ड टोकनाइजेशन? विस्तार से ज… […]
[…] क्या है कार्ड टोकनाइजेशन? विस्तार से ज… […]
[…] क्या है कार्ड टोकनाइजेशन? विस्तार से ज… […]
[…] क्या है कार्ड टोकनाइजेशन? विस्तार से ज… […]
[…] क्या है कार्ड टोकनाइजेशन? विस्तार से ज… […]