फेक न्यूज़
फेक न्यूज़ में फेक का तात्पर्य ‘गलत’ और न्यूज़ का तात्पर्य ‘सूचना’ से है, अर्थात फेक न्यूज़ एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें बिना तथ्य, गलत सूचना या किसी समूह को भड़काने का काम आदि करने का प्रयास किया जाता है।
फेक न्यूज़ की परिभाषा दें तो फेक न्यूज़ का अभिप्राय है ऐसी खबरों और कहानियों अथवा तथ्यों से है, जिनका उपयोग जानबूझकर पाठकों को गलत सूचना देने व भ्रमित करने के लिए किया जाता है। इसमें ज्यादातर ऐसे समूहों द्वारा न्यूज़ को लक्षित समूह तक पहुँचाया जाता है जिससे, फेक न्यूज़ डाटा या संस्था को प्रत्यक्ष या अप्रत्क्षय रूप से लाभ मिल सके।
भारत के संदर्भ में देखें तो फेक न्यूज़ की संख्या गिनना, आसमान के तारे गिनने जैसा है। ऐसे में, एक मामले की सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने टेलिविज़न न्यूज़ चैनलों पर दिखाए जा रहे कंटेंट के विरुद्ध आ रही शिकायतों और फेक न्यूज़ की गंभीर समस्या से छुटकारा पाने के लिए, तंत्र के बारे में केंद्र सरकार से सूचना मांगी है और साथ ही यह निर्देश भी दिया है कि यदि ऐसा कोई तंत्र नहीं है तो जल्द से जल्द इसे विकसित किया जाए।
सर्वोच्च न्यायालय की बात मानते हुए भारत में बीते 26 मई को आईटी(इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी) नियम 2021 लागू कर दिया। इसके तहत फेक न्यूज़ फैलाने वालों पर नकेल कसने का एक प्रयास किया गया।
इन नए नियमों के अनुसार व्हाट्सऐप, फेसबुक, इंस्टाग्राम और टेलीग्राम जैसे आदि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए भेजे और शेयर किए जाने वाले मैसेजेस के ओरिजनल सोर्स को ट्रैक करना जरूरी है।
यानी अगर कोई गलत या फेक पोस्ट वायरल हो रही है तो सरकार कंपनी से, उसके ऑरिजनेटर(जहाँ से मैसेज पहली बार संप्रेषित किया गया) के बारे में पूछ सकती है और सोशल मीडिया कंपनियों को बताना होगा कि उस पोस्ट को सबसे पहले किसने शेयर किया था।
ऐसे में हमने देखा कि भारत के नए आईटी रूल के तहत जून के महीने में व्हाट्सएप ने लगभग 20 लाख खाते अपने प्लेटफार्म से हटा दिए।
दुष्प्रभाव
- हिंसा होने की आशंका।
- भेदभावपूर्ण रवैये का जन्मदाता।
- देश की छवि धूमिल होने की आशंका।
- देश का विकास दर कमजोर हो सकता है।
- तथ्यों को गलत साबित करने का पूरा प्रयास
- आम जनता का हथियार की तरह प्रयोग, आदि।
उपचार
फेक न्यूज़ का उपचार केवल आप हैं क्योंकि हर सिक्के के दो पहलू होते हैं। यह बात आप पर निर्भर करता है कि आप किसी फेक न्यूज़ के जाल में कैसे आते हैं और उससे कितनी देर तक प्रभावित रहते है। आपको यह समझना होगा कि फेक न्यूज़ तभी वायरल होते है जब उन्हें बिना तथ्य या सबूत जाने शेयर करने वाले, समूह मिल जाते है।
ऐसे में आपको सजग रहे, कोई भी न्यूज़ आपके पास आए तो उसपर आंख मूंद कर भरोसा न करें उसको क्रॉस चेक अवश्य करें, समाज को फेक न्यूज़ के प्रति जागरूक करें, इससे संबंधित कार्यक्रम का निर्माण करें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसके जाल को भेद सकें।
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