
राष्ट्रीय परिवार और स्वास्थ्य सर्वेक्षण के पांचवें संस्करण के अनुसार, भारत में प्रति 1,000 पुरुषों पर 1,020 महिलाएं (अनुपात में पुरुषों से ज्यादा महिलाओं की संख्या)
राष्ट्रीय परिवार और स्वास्थ्य सर्वेक्षण के पांचवें संस्करण के दूसरे चरण में भारत ने जनसांख्यिकी बदलाव की पुष्टि की है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण का 1992 में शुरुआत होने के बाद, पहली बार महिलाओं का अनुपात पुरुषों से अधिक है जो कि प्रति 1000 पुरुषों पर 1020 महिलाएं है। अगर 2015-16 के सर्वे को देखें तो यह अनुपात प्रति 1000 पुरुषों पर 991 महिलाएं था। (अनुपात में पुरुषों से ज्यादा महिलाओं की संख्या)
1990 में जब नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने “Missing Women” शब्द का प्रयोग किया, तब भारत में महिलाओं का अनुपात प्रति 1000 पुरुषों पर केवल 927 महिलाओं का था। ऐसे में देखा जाए तो चौथा और पांचवां संस्करण दर्शाता है कि इनकी संख्या में सुधार हो रहा है।
हम बता दें कि सरकार ने बुधवार को भारत की जनसंख्या, प्रजनन और बाल स्वास्थ्य, परिवार पोषण और अन्य से संबंधित फैक्ट शीट जारी किया है। इसके अंतर्गत 14 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को 2019 से 2021 के एनएफएचएस के पांचवें चरण के अंतर्गत शामिल किया गया है।(अनुपात में पुरुषों से ज्यादा महिलाओं की संख्या)
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि इस दूसरे चरण में जिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सर्वेक्षण के लिए चुना गया, उनमें अरुणाचल प्रदेश, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, हरियाणा, झारखंड, मध्य प्रदेश, दिल्ली एनसीटी( National Capital Territory), ओडिशा, पुडुचेरी, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड है।
एनएफएचएस-5 के चरण एक के लिए 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को चुना गया था, जिसका निष्कर्ष दिसंबर, 2020 में सार्वजनिक किया गया था। (अनुपात में पुरुषों से ज्यादा महिलाओं की संख्या)
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