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माध्यमगत विज्ञापन….माध्यम के आधार पर विज्ञापनों को चार भागों में बांटा गया है। मुद्रित विज्ञापन, इलेक्ट्रॉनिक विज्ञापन, इंटरनेट विज्ञापन, अन्य माध्यम विज्ञापन। अलग-अलग माध्यमों पर प्रसारित होने वाले विज्ञापनों की भिन्न-भिन्न विशेषताएं होती है। जिसके चलते इनमें अंतर देखने को मिलता है।

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1. मुद्रित माध्यम के विज्ञापन ( माध्यमगत विज्ञापन)

  • मुद्रित विज्ञापन समाचार पत्र और पत्रिकाओं में प्रकाशित होते हैं।
  • इन्हें केवल पढ़ा जा सकता है।
  • मुद्रित विज्ञापनों में चित्र, डिज़ाइन, फॉन्ट और ले-आउट का महत्व होता है।
  • इसमें अपने उत्पाद की विशेषता बता सकते हैं। जबकि रेडियो पर प्रसारण विज्ञापनों में विशेषता बताना संभव नहीं होता।
  • मुद्रित माध्यम में खाली स्थान का अपना महत्व होता है।
  • मुद्रित माध्यम में लोगों द्वारा अपनी वस्तु या सेवा को पहचान दी जाती है।
  • मुद्रित विज्ञापनों को लंबी अवधि तक सहेज कर रख सकते हैं। परंतु रेडियो पर प्रसारित होने वाले विज्ञापनों को इकट्ठा नहीं किया जा सकता है।
  • मुद्रित विज्ञापनों में अधिकतर आम बोलचाल की भाषा में आकर्षित शब्दों का प्रयोग कर स्लोगन के रूप में जानकारी दी जाती है। जबकि रेडियो में अधिकतर जिंगल बनाकर, जानकारी दी जाती है।

2. रेडियो माध्यम के विज्ञापन (माध्यमगत विज्ञापन)

  • रेडियो एक इलेक्ट्रॉनिक माध्यम है, इसमें केवल विज्ञापनों को सुना जा सकता है। टीवी की तरह देखा नहीं जा सकता और प्रिंट की तरह पढ़ा नहीं जा सकता।
  • इसमें आवाज का बहुत अधिक महत्व होता है। इसलिए इसमें अधिकतर विज्ञापन की आवाज, रिकॉर्डिंग करने के लिए प्रसिद्ध व्यक्ति का चुनाव किया जाता है।
  • रेडियो के विज्ञापनों में उत्पाद की विशेषता बताना संभव नहीं है।
  • ठीक जिस तरह प्रिंट में खाली स्थान का महत्व होता है उसी तरह रेडियो में मौन का अपना महत्व होता है।
  • रेडियो में लोगों की अपेक्षा वस्तु या सेवा के सिग्नेचर ट्यून पहचान देने का काम करते हैं।
  • रेडियो के विज्ञापनों को प्रिंट विज्ञापनों की तरह सहेज कर नहीं रखा जा सकता। रेडियो के विज्ञापन को दोबारा सुनने के लिए अगले प्रसारण का इंतजार करना होता है।
  • रेडियो में कल्पनात्मक भाषा का अधिक प्रयोग किया जाता है, जिससे श्रोता केवल सुनकर वस्तु या सेवा की कल्पना कर सके।

3. टेलिविजन विज्ञापन (दृश्य-श्रव्य माध्यमगत विज्ञापन)

  • यह रेडियो की तरह एक इलेक्ट्रॉनिक माध्यम है। परंतु रेडियो में केवल सुना जा सकता है, इसमें देखा और सुना दोनों जा सकता है।
  • प्रिंट विज्ञापनों में जिस तरह स्थान का महत्व होता है। ठीक उसी तरह टेलीविजन विज्ञापनों में समय का महत्व होता है।
  • टेलीविजन के विज्ञापनों में वस्तु या सेवा के महत्व या कार्य करने की प्रक्रिया को दृश्यों के माध्यम से दिखाया जाता है।
  • दर्शक , टेलीविजन के विज्ञापनों को पढ़कर व सुनकर दोनों तरह से जानकारी ले सकते हैं।
  • इन विज्ञापनों में शाब्दिक अभिव्यक्ति के साथ-साथ संगीत, लाइटिंग और कैमरा एंगल का भी महत्व होता है। इन विज्ञापनों को कभी कभी लघु फिल्म के रूप में भी प्रस्तुत किया जाता है।
  • विज्ञापन का यह माध्यम अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय विज्ञापनों के लिए उत्तम माध्यम है। परंतु स्थानीय विज्ञापनों के लिए निष्क्रिय हैं क्योंकि निर्माण लागत इस माध्यम का अधिक है।

4. इंटरनेट (नए दौर के माध्यमगत विज्ञापन)

  • इंटरनेट पर नए दौर के विज्ञापन प्रसारित होते हैं। इस पर विज्ञापन का हर रूप देखने को मिलता है। इंटरनेट पर प्रसारित होने वाले विज्ञापन प्लेटफार्म(जिसे उपयोगकर्ता उपयोग करता है इंटरनेट चलाने के लिए) और उपयोक्ता के अनुसार विज्ञापन दिखाए जाते हैं। जैसे:- म्यूजिक एप्स पर विज्ञापन का प्रसारण होता है। वीडियो एप्स पर विज्ञापन वीडियो में प्रस्तुत किए जाते हैं और वेबसाइट पर विज्ञापन बैनर के रूप में प्रस्तुत होते हैं।
  • इंटरनेट पर प्रसारित होने वाले विज्ञापनों की पहुंच बहुत अधिक लोगों तक होती है।
  • इंटरनेट पर विज्ञापनों की निर्माण लागत भी बहुत कम होती है।
  • इंटरनेट पर उपयोक्ता समय, सुविधा और आवश्यकता के अनुसार विज्ञापन देख सकते हैं।
  • अशिक्षित वर्ग के लिए यह माध्यम बहुत कम उपयोगी है।

5. अन्य माध्यमगत विज्ञापन

  • (१)होर्डिंग:- यह सड़क, दीवारों और खंभों पर लगाए जाते हैं।
  • इन्हें मुद्रित माध्यम की तरह केवल पढ़ा जा सकता है।
  • इसमें भी चित्र, डिज़ाइन,फॉन्ट और ले-आउट का महत्व होता है।
  • होल्डिंग का उद्देश्य स्थानीय जनता को अपने उत्पाद, सिवाय किसी व्यक्ति विशेष की जानकारी देना होता है। यह स्थानीय जनता से सीधा संबंध रखते हैं।
  • फोल्डिंग की भाषा अधिकतम स्थानीय होती है। यह होल्डिंग रास्ते और स्थान के नाम का भी जानकारी देते हैं।
  • (२) पोस्टर:- पोस्टर भी सड़कों, दीवारों और खंभों, पुलों पर लगाए जाते हैं। परंतु ये स्थाई नहीं होते। जबकि होल्डिंग स्थाई हो सकते हैं।
  • पोस्टर पृष्ठ पर मुद्रित किए जाते हैं। इसमें सीमित शब्दों में अधिक जानकारी दी जाती है।
  • डिजाइन, चित्र, फॉन्ट और लेआउट का महत्व होता है। (माध्यमगत विज्ञापन)

मुद्रित माध्यम के विज्ञापन और इलेक्ट्रॉनिक माध्यम विज्ञापन के बीच अंतर

मुद्रित माध्यम(माध्यमगत विज्ञापन)

  1. इसके अंतर्गत समाचार पत्र और पत्रिकाओं में प्रकाशित होने वाले विज्ञापन आते हैं।
  2. मुद्रित माध्यम में स्थान का महत्व होता है।
  3. केवल पढ़ सकते हैं।
  4. मुद्रित विज्ञापनों में चित्र डिजाइन फॉन्ट और लेआउट का महत्व होता है।
  5. इसमें खाली स्थान का महत्व होता है।
  6. शिक्षित वर्ग के लिए। (माध्यमगत विज्ञापन)

इलेक्ट्रॉनिक माध्यम(माध्यमगत विज्ञापन)

  1. इलेक्ट्रॉनिक माध्यम में रेडियो और टीवी में प्रसारित होने वाले विज्ञापन आते हैं।
  2. इस माध्यम में समय का महत्व होता है।
  3. टीवी में देख और सुन सकते हैं जबकि रेडियो में केवल सुन सकते हैं।
  4. इसमें संगीत, पटकथा, कैमरा एंगल और आवाज का महत्व होता है।
  5. इसमें मौन का महत्व बहुत ज्यादा होता है।
  6. लगभग हर वर्ग का व्यक्ति इससे जुड़ सकता है।

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One thought on “माध्यमगत विज्ञापन की विशेषता व अंतर को बताइए?”

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