भारत में चलने वाले बिजलीघरो में कोयले की भारी कमी हो गई है जिसकी वजह से कई राज्यों ने केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखकर कोयले को आपूर्ति का अस्वाशन मांगा है, इस विषय में भारत के ऊर्जा मंत्री का कहना है कि बिजली घरों को को चलाने के लिए केवल कुछ दिन का कोयला बचा है, ध्यान देने वाली बात ये है कि भारत बिजली के कुल उत्पादन का 70 % हिस्सा कोयला जलाकर पैदा करता है ऐसे में अगर कोयले की कमी का संकेत सच हुआ तो covid से उभरती हुई देश की अर्धव्वस्था के लिए ये अच्छी खबर नही है ।
भारत में कुल 135 बिजली घर है जो की कोयले से चलते है इनमें से अधिकतम के पास केवल 4 दिन का कोयले का स्टॉक बचा है, मानकों के अनुसार ये स्टॉक कम से कम 10 दिन से अधिक का होना चाहिए ।
भारत में कोयले की भारी कमी की कुछ मुख्य वजहें है, पहली वजह है covid के बाद अर्धव्यवस्था में तेजी जिसकी वजह से बिजली की मांग में तेजी आई और कोयले की आपूर्ति कंपरेटिवेली कम होने लगी , दूसरी वजह है मानसून में भारी बारिश जिसकी वजह से कोयले की खनन और धुलाई में बाधा आ रहे है और तीसरी वजह है कोयले के आयात में भारी कमी , अभी तक ये देखा गया है की जब भी देश में कोयले की कमी होती है हम भारी मात्रा में आयात कर लेते है लेकिन इस बार अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कोयले की बढ़ी हुई कीमतों की वजह से आयात में भारी कमी आई है ।
कोयले की कमी की वजह से बिजली आपूर्ति पर भारी प्रभाव पड़ सकता है जिसकी वजह से अर्थव्यवस्था को pre covid समय में लाने में देरी हो सकती है।
इन्ही परिस्थितियों को देखते हुए आज भरता सरकार के ऊर्जा मंत्री ने देश को ये आश्वाशन दिया कि ” भारत के पास पर्याप्त मात्रा में कोयला है और हमारे पास प्रतिदिन स्टॉक आता है। कल जितनी खपत हुए उतना कोयले का स्टॉक आज आया ” । इसी के साथ केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी स्टेटमेंट जारी की और कहा ” भारत में बिजली आपूर्ति बाधित होने का बिल्कुल खतरा नहीं है । कोल इंडिया लिमिटेड के पास 24 दिन की कोयले की मांग के बराबर 73 मिलियन टन का पर्याप्त कोयले का स्टॉक है ” ।
विषशज्ञो का कहना है कि भारत के खदानों में कोयले की कमी नहीं है , सरकार खनन और धुलाई की व्यवस्था को मजबूत करके इस कमी को दूर कर सकती है । साथ में कुछ विशेषज्ञों का यह भी मानना है की इस कोयले को कमी को हमे खतरे की घंटी की तरह लेना होगा और भारत को अक्षय ऊर्जा (Renewable energy ) पर ज्यादा जोर देने की जरूरत है।
भारत सरकार ने Renewable energy को बढ़ावा देने और उत्पादन बढ़ाने के लिए कई ठोस कदम उठाए है जिसकी वजह से भारत दुनिया भर में renewable energy के उत्पादन के मामले में तीसरे नंबर पर है , भारत की कुल उत्पादन क्षमता 383.73 Gw है । भारत सरकार को अभी और ठोस कदम उठाने की जरूरत है जिससे अक्षय ऊर्जा का उत्पादन बढ़ सके और भविष्य में देश में बिजली संकट न हो ।
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