समाचार संपादन

समाचार संपादन में पृष्ठ सज्जा:- चाहे प्रथम पृष्ठ हो या अंतिम पृष्ठ हो, किसी भी समाचार पत्र या पत्रिका में बहुत महत्व रखती है क्योंकि इसकी तुलना लंच या डिनर के लिए सजाए हुए उस मेज के रूप में की जाती है ,जहाँ पर भोज पदार्थ सुव्यवस्थित सजाए गए हुए होते हैं। जिस प्रकार हम देखते हैं कि, भोजन को मेज पर सजाना एक कला है उसी प्रकार पृष्ठ सज्जा भी एक कला है।

यदि भोजन मेज पर ठीक ढंग से न रखा जाए तो ठीक से यह भी पता चलना मुश्किल हो सकता है कि प्लेट में क्या क्या सामग्री है और पहले क्या खाना उचित रहेगा। ठीक ऐसे ही सभी खबरों को यदि बिना व्यवस्थित किये एक पेज पर लिख दिया जाए तो उन खबरों की महत्वता खत्म हो जाएगी। इसलिए समाचार पृष्ठ की सज्जा करना बहुत ही आवश्यक कार्य है।

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खबरों को महत्व के अनुसार अलग अलग पृष्ठ पर स्थान देना और उन्हें व्यवस्थित करके लिखना जैसे कार्य पृष्ठ सज्जा के अंतर्गत आते हैं। समाचार असाधारण, महत्वपूर्ण और सामान्य प्रकार के हो सकते हैं। पर उन्हें पाठकों के समक्ष किस रूप में रखा जाए, इसका निर्धारण समाचार संपादक या उप समाचार संपादक के ऊपर निर्भर करता है। (समाचार संपादन)

साहित्यकार माकटवेन की मान्यता है कि समाचार पत्र का पहला कर्तव्य है कि वह सूंदर दिखे , दूसरा ये की सच बोल। प्रथम मान्यता का संबंध पृष्ठ सज्जा से संबंधित है। संपादक या संपादकीय विभाग के सहकारी समाचार संपादक अथवा उप समाचार संपादक को पृष्ठ सज्जा करते समय तीन बिंदुओं पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

  1. डिज़ाइन
  2. मेकअप
  3. ले-आउट

समाचार संपादन में डिज़ाइन:-

डिजाइन से तात्पर्य समाचार पत्र की संपूर्ण संरचना से है। जिसके अंतर्गत यह पहले से ही निश्चित कर लिया जाता है की समाचार पृष्ठ कितने पेजों का होगा तथा किस पृष्ठ पर कौन सी सामग्री छापी जाएगी। पत्र का नामपट्टिका (नेम प्लेट) किस आकार प्रकार की होगी तथा शीर्षक और कलेवर में किस किस टाइप और फेस का इस्तेमाल किया जाएगा।

समाचारों का शेषांश ( बचे हुए समाचारों का हिस्सा) किस पृष्ठ पर जाएगा। प्रथम पृष्ठ पर विज्ञापन जाएगा या नहीं, यदि जाएगा तो उसका स्थान कहा होगा? इन सब का निर्धारण पूर्व में ही कर लिया जाता है क्योंकि समाचार पत्र के व्यक्तिगत निर्धारक तत्व में डिजाइन का महत्वपूर्ण स्थान है।(समाचार संपादन)

समाचार संपादन के दौरान मेकअप:-

मेकअप से तात्पर्य समाचार पत्र के प्रथम से लेकर अंतिम पृष्ठ तक इंपोजिशन करने से है। व्रस वेस्टसी इसे शीर्षकों और कला के सामान्य रूप में स्थान निर्धारण मानते है। पृष्ठ निर्माण वस्तुतः समाचार पत्र की समग्र संरचना या डिजाइन के अंतर्गत आता है।

समाचार पत्र में जाने वाले ब्लॉक, समाचार लेख ,कार्टूंस, विज्ञापन आदि के तैयार होते ही पृष्ठ के रूप में, स्टोन पर चैस में कस दिया जाता है जिसे हम मेकअप की प्रक्रिया कह सकते हैं।

मेकअप प्रायः सुनिश्चित रहता है, पृष्ठ का संतुलन विज्ञापनों या किसी चित्र के साथ होना आवश्यक है।

ले-आउट:-

ले-आउट का तात्पर्य ‘आकलन’ या ‘प्रारूपण’ अथवा ‘सज्जा’ से है। समाचार पत्र की डमी में इस आकलन या प्रारूप के अनुसार ही सभी पृष्ठों का निर्माण किया जाता है। प्रायः उप संपादक इस लेआउट या प्रारूप के अनुसार ही पृष्ठ का निर्माण और उसका आयोजन करते हैं।

प्रत्येक संपादकीय विभाग, संपादक एवं वरिष्ठ समाचार संपादक या उप समाचार संपादक डमी बनाकर कम्पोजिंग विभाग में भेज देते हैं और प्रत्येक पाली (Shift) में आने वाले उपसंपादक उस डमी के अनुसार ही पृष्ठ निर्माण का कार्य करते हैं।

जिसके अंतर्गत पत्र का नाम पट्टिका, लेख, कार्टून , कहाँ, कैसे और किस टाइप या फेस में जाना है तथा कौन सा समाचार प्रथम और कौन सा समाचार द्वितीय लीड में जाएगा, यह डमी बनाने से पहले ही निर्धारित कर लिया गया होता है। ( समाचार संपादन)

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