- भारत मे जो पहला रेडियो स्टेशन(RADIO HISTORY IN INDIA) बना था वह गवर्नमेंट न होकर प्राइवेट था। यह स्टेशन वर्ष 1924 में चेन्नई जो कि तब मद्रास था में शुरू किया गया था।मद्रास प्रेसीडेंसी रेडियो क्लब उस समय हल्के फुल्के मनोरंजन कार्यक्रम से रेडियो की शुरूआत तो की थी परंतु फण्ड की कमी के कारण मद्रास प्रेसीडेंसी रेडियो क्लब को वर्ष 1926 में बंद करना पड़ा।
- इसी वर्ष मार्च 1926 में एक और कंपनी रेडियो के क्षेत्र में आई जिसका नाम Indian broadcasting (IBC) कंपनी था। जिसका लाइसेंस ब्रिटिश सरकार ने इसको दिया था और इस कंपनी को कहा था कि वह मुम्बई जो कि तब बॉम्बे था और कोलकाता में रेडियो की शुरुआत करे। जब ये कंपनी भी घाटे में जाने लगी तो सरकार ने इसके सारे ट्रांसमीटर अपनी आधीन कर लिए और इस कंपनी का नाम बदलकर उन्होंने INDIA STATE BROADCASTING CORPORATION कर दिया। (Radio का इतिहास)
- इसके बाद भी रेडियो घाटे में जाता रहा, जिसके चलते इसे 9 अक्टूबर 1931 को बंद करने का फैसला लिया गया परंतु इस समय रेडियो के प्रति जनता का लगाव बहुत ज्यादा हो गया था जिसके चलते उन्होंने इस बंद का विरोध करना शुरू कर दिया। ऐसे में सरकार ने विरोध और रेडियो की महत्वता को जानते हुए भी घाटा उठाते हुए भी रेडियो को निरंतर चलाये रखा।(Radio का इतिहास)
- जनवरी 1934 को दिल्ली में रेडियो का आगमन हुआ। यहाँ रेडियो की स्थापना और उसे चलाने के लिए ढाई लाख रुपए की मंजूरी दी गयी।
जब रेडियो के क्षेत्र में सरकार बढ़ रही थी तब तकनीकों के सही समझ न होने के कारण बीबीसी के साथ रेडियो के बारीकियों को समझ रही थी। ऐसे में अगस्त 1935 में एक महत्वपूर्ण घटना घटी, बीबीसी लंदन के बढ़े अधिकारी लायजेल फील्डन को दिल्ली बुलाया गया।(Radio का इतिहास)
इन्हें 30 अगस्त 1935 को CONTROLLER OF BROADCASTING (प्रसारण नियंत्रण) के पद पर नियुक्त कर दिया गया और फिर इन्होंने एक मसौदा तैयार किया जिसे 1 जनवरी 1936 से INDIAN STATE BROADCASTING SERVICE के नाम से नई दिल्ली में शुरू किया गया। और, 8 जून 1936 को इसका नाम बदलकर ALL INDIA RADIO (AIR) रख दिया गया।
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आज़ादी के बाद रेडियो के पाँच रीजनल zone थे:-
- New delhi:- For the North zone
- Kolkata:- East zone
- Guwahati:- North-East zone
- Mumbai(Bombay):- West zone
- Chennai(Madrasa):- South zone
स्वतंत्रता के दौरान केवल 6 रेडियो स्टेशन भारत में थे।(RADIO HISTORY IN INDIA)
आज़ादी के बाद भारत मे नवंबर 1947 को जालंधर में पहला रेडियो स्टेशन खोला गया।
श्रीनगर में रेडियो की शुरूआत 1 जुलाई 1948 को प्रारंभ हुई।
ALL INDIA RADIO को वर्ष 1957 में एक और नाम दे दिया गया जिसका नाम आकाशवाणी है, यह आल इंडिया रेडियो का हिंदी में रूपांतरण है।(Radio का इतिहास)
1967 में Commercial radio service की शुरुआत (विविध भारती एंड कमर्शियल हेड क्वार्टर इन मुम्बई)।
रेडियो को Ministry of Information and Broadcasting द्वारा control किया जाता है।
15 august 1993 को प्राइवेट fm को आकाशवाणी की फ्रीक्वेंसी पर 5, 10, 15 मिनट का स्लॉट देने की शुरुआत की गई।यह शुरुआत एक्सपेरिमेंट बेस पर थी। और बाद में, 1993, 1994, 1995 में प्राइवेट fm की मांग बढ़ने लगी क्योंकि लोगों की रोचकता fm पर ज्यादा बढ़ गयी थी, इसलिए सरकार ने 2000 के लगभग में fm के फील्ड में कुछ कंडीशन(प्राइवेट fm अपने चैनल पर समाचार प्रसारित नहीं करेंगे) लगाकर रेडियो में प्राइवेट कंपनी को आने की अनुमति प्रदान कर दी।
1990s के बाद all india radio के लगभग 146 AM (Amplitude Modulation, they are known as medium wave) स्टेशन हो गए। 1990s के बीच मे ये 31 AM और FM(Frequency modulation) स्टेशन थे।(Radio का इतिहास)
वर्ष 2000 में इंफोर्मेशन और प्रद्योगिकी के क्षेत्र में क्रांति के आने से , रेडियो का प्रसारण क्षेत्र जो अभी तक रेडियो के माध्यम से ही होता था वह डिजिटल प्रद्योगिकी से भी होना प्रारंभ हो गया। आज आल इंडिया रेडियो (आकाशवाणी) का मोबाइल ऐप आगया है।
यूट्यूब पर भी इसका प्रसारण हो रहा है और साथ ही अन्य प्लेटफार्म पर भी इसका प्रसारण होने लगा है। जो कि रेडियो के लिए एक अच्छा संकेत पहले तो नहीं पर अब माना जाने लगा है।(Radio का इतिहास)
- 20 अगस्त को श्रोता दिवस मनाया जाता है।
- आपातकाल के दौरान रेडियो को इंदिरा वाणी कहा जाता था।
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