समाचार के तत्व….वर्तमान युग में देखा जाए तो समाचार कोई नया शब्द नहीं है जो शब्दकोश से निकल कर हमारे समक्ष आया हो, असल मे समाचार का विकास मानव विकास के साथ-साथ होता हुआ आया है और मानव के विकास के साथ साथ उसके माध्यमों और सूचनाओं को देने के तरीके में भी बदलाव आया हुआ है|
जहाँ शुरुआत में माना जाता है कि मानव सांकेतिक भाषा मे या आकृति बनाकर एक दूसरे से कुछ जानने के लिए संवाद करता था, वही माध्यमों में विविधता आने से इसमें और विकास हो गया जो कि अब भी विकसित होते जा रहा है। एक बात ध्यान रखना चाहिए कि सभी समाचार सूचना है पर सभी सूचनाएं समाचार नहीं हो सकती हैं। (समाचार के तत्व)

समाचार नवीन जानकारियों का भंडार है जिसमें नई जानकारियां समाहित होती रहती हैं। कहने का तात्पर्य है ऐसे क्रिया कलाप जो हमारे प्रतिदिन के जीवन मे होने वाली घटनाओं से और बर्तावों से अलग-थलग हैं, समाचार कहलाता है। (समाचार के तत्व.)
समाचार से संबंधित कुछ परिभाषाएं
- डॉ. निशांत सिंह:- किसी नई घटना की सूचना ही समाचार है।
- रामचंद्र वर्मा:- ऐसी ताजी या हाल की घटना की सूचना जिसके संबंध में लोगों को जानकारी न हो।
- हार्पर लीच और जान सी कैरोच:- समाचार एक गतिशील साहित्य है।
- जॉन बी बोगार्ट:- जब कुत्ता आदमी को काटता है तो वह समाचार नहीं है परंतु यदि कोई आदमी कुत्ते को काट ले तो वह समाचार होगा।
समाचार के तत्व
समाचार का मूलतत्व है सूचनाएं देना। ये सूचनाएं समसामयिक घटनाओं, क्रियाकलापों, आदि से संबंधित हो सकती हैं। पत्रकार या कहें रिपोर्टर इन घटनाओं को एक करके उनके सूचनाओं को एक रूप देकर समाचार में ढाल देता है जिसे बाद में लक्षित जन समूहों के पास प्रेषित किया जाता है और जिससे जन समूह के मन मे चल रही आशंकाओं, विषमताओं आदि का निदान होता है और मन मे उपजी जिज्ञासा को एक सहारा मिलता है।
लक्षित समूह की जिज्ञासा हमेशा ही किसी सूचना,घटना के संदर्भ में कौन, क्या, कब, कहां, क्यों और कैसे प्रश्नों का उत्तर ढूढने की कोशिश करती है। लेकिन समाचार लिखते समय इन्हीं प्रश्नों का उत्तर पाना आरै पाठकों तक उसको संपूर्ण अर्थ तक पहुंचाना सबसे बड़ी चुनौती का कार्य होता है।
समाचारों को लेकर हाने वाली हर बहस का केद्रं यही होता है कि इन छह प्रश्नो का उत्तर क्या है और कैसे दिया जा रहा है। समाचार लिखते वक्त भी इसमें शामिल किए जाने वाले तमाम तथ्यों और अंतर्निहित व्याख्याओं को भी एक ढांचे या संरचना में प्रस्तुत करना होता है। ये 5w1h समाचार की आत्मा हैं। (समाचार के तत्व)
- क्या – क्या हुआ? जिसके संबंध में समाचार लिखा जा रहा है।
- कहां – कहां? ‘समाचार’ में दी गई घटना का संबंध किस स्थान, नगर, गांव प्रदेश या देश से है।
- कब – ‘समाचार’ किस समय, किस दिन, किस अवसर का है।
- कौन – ‘समाचार’ के विषय (घटना, वृत्तांत आदि) से कौन लोग संबंधित हैं।
- क्यों – ‘समाचार’ की पृष्ठभूमि।
- कैसे – ‘समाचार’ का पूरा ब्योरा।
इसके साथ-साथ किसी घटना, सूचना और समस्या के समाचार बनने की संभावना और बढ़ जाती है जब उसके अंदर निम्नलिखित तत्व समाहित हों इसे हम समाचार के चयन की प्रक्रिया भी कह सकते हैं। (समाचार के तत्व.)
- सूचना तथ्यात्मकता हो।
- सूचना में नवीनता हो।
- सूचना जनुरूचि वाली हो।
- सूचना समसामयिक हो।
- सूचना लोगों से निकटता रखती हो।
- सूचना के प्रभाव के आधार पर।
- सूचना के वर्ग के आधार पर।
- समाचार नीति के आधार पर।
- सूचना महत्वपूर्ण जानकारियों से संबंधित हो।
- सूचना में अनोखापन हो।
समाचार का लेखन कौशल (चयन की प्रक्रिया)
- समाचार आकर्षक होना चाहिए।
- भाषा सहज(जिसे कोई भी समझ ले) और सरल हो।
- उबाऊ न हो।
- आकार छोटा हो ज्यादा बढ़ा न हो।
- आम बोलचाल की भाषा का प्रयोग।
- तारतम्यता
- रोचकता
- विषय के अनुरूप शीर्षक।
- कम शब्द ज्यादा विवरण।
- संभव हो तो समाचार के स्त्रोत का उल्लेख अवश्य करें।
- तत्कालीनता
- व्याकरणिक गलतियों और चिन्हों को ध्यान रखना।
समाचार का संकलन (चयन की प्रक्रिया)
प्रेस कॉन्फ्रेंस
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस मीडिया से आधिकारिक तौर पर जानकारी वितरित करने और सवालों के जवाब देने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम है। विशिष्ट जनसंपर्क मुद्दों के जवाब में प्रेस कॉन्फ्रेंस की भी घोषणा की जाती है ।
प्रेस रिलीज
एक प्रेस विज्ञप्ति एक लिखित संचार है जो किसी घटना, परिस्थिति, उत्पाद लॉन्च या अन्य होने के बारे में विशिष्ट लेकिन संक्षिप्त जानकारी देता है। यह आमतौर पर एक व्यवसाय या संगठन से जुड़ा होता है और विभिन्न माध्यमों से मीडिया को प्रदान किया जाता है। एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करने का मतलब यह नहीं है कि मीडिया स्वचालित रूप से इसके साथ चलेगा।
मीडिया आउटलेट उनसे वही सवाल पूछेंगे जो वे हमेशा करते हैं: क्या यह उनके पाठकों को दिलचस्पी देता है? क्या यह समुदाय को किसी तरह से फायदा पहुंचाता है?
साक्षात्कार
साक्षात्कार एक आत्मनिष्ठ विधि है इसके माध्यम से प्राप्त सूचनाओं की सार्थकता एवं वैधता साक्षात्कारकर्ता पर निर्भर करती है। सूचना संकलन की इस विधि के प्रयोग में साक्षात्कारकर्ता के लिए दक्षता अत्यन्त महत्वपूर्ण है क्योंकि साक्षात्कार से प्राप्त आंकड़े सरलता से पक्षपातपूर्ण बन सकते हैं। साक्षात्कार में साक्षात्कार कर्ता वार्तालाप के साथ-साथ शाब्दिक के अर्थपूर्ण तथा अशाब्दिक प्रतिक्रियाओं (इशारा करना तथा मुखमुद्रा) का भी प्रयोग करता है।
समाचार एजेंसी और न्यूज़ वायर सर्विस
ये ऐसे संगठन है जिनकी सुविधाएं अक्सर न्यूज़ चैनल्स और समाचार पत्र लेते रहते हैं। ये एजेंसिया सामान्यता न्यूज़ चैनल को समाचार प्रोवाइड करवाते हैं।उदाहरण के लिए ANI नाम वाला माइक आपको कभी स्टार न्यूज़, कभी ndtv , कभी आज तक आदि चैंनलों पर देखने को मिल जाएगा। कहने का मतलब है समाचार को न्यूज़ चेंनल को देना ही इन एजेंसीयों का काम होता है।(समाचार के तत्व.)
सरकारी सूचना एजेंसी:-
सरकार की नीतियों, कार्यक्रम पहल और उपलब्धियों के बारे में समाचार-पत्रों तथा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को सूचना देने वाली प्रमुख एजेंसी है। यह प्रेस विज्ञप्तियों, प्रेस नोट, विशेष लेखों, संदर्भ सामग्री, प्रेस ब्रीफिंग, फोटोग्राफ, संवाददाता सम्मेलन, साक्षात्कार, प्रेस दौरे और कार्यालय की वेबसाइट के माध्यम से सूचना का सर्वत्र पहुंचाता है। उदाहरण:- PIB, भाषा, वार्ता आदि सरकारी एजेंसी हैं। (समाचार के तत्व.)
अन्य समाचार की मॉनिटरिंग:- लगभग 1 दशक पहले जब समाचार के सूचनाओं का प्रवाह बड़े स्तर पर शुरू हुआ तब अन्य चैंनलों के मोनिटरिंग में केवल टेलिविज़न आता था|
बाकी न्यूज़ चैनल अगले दिन उस सूचना को देते थे पर आज समाचार माध्यम में विविधता आने के कारण और हर माध्यम का हर माध्यम पर आने के कारण जैसे जनसत्ता अख़बार आज अपने वेबसाइट्स के माध्यम से त्वरित हो रही घटनाओं को लोगो तक पहुँचा रहा है ऐसा इसके साथ ही नहीं बल्कि पत्र- पत्रिकाओं, रेडियो आदि माध्यमो के साथ भी हुआ है। (समाचार के तत्व.)
जिसके चलते अन्य माध्यमो की मॉनिटरिंग होना बहुत आवश्यक हो गया है और आज समाचार संकलन में एक अहम भूमिका निभा रहा है।
READ MORE
- महात्मा गांधी के प्रयोगों में लियो टॉलस्टॉय की भूमिका
- जॉन एलिया(JOHN ELIA): मेरे कमरे का क्या बयां करू, यहाँ खून थूका गया है शरारत में
- प्राथमिक चिकित्सा(First Aid) क्या है?
- हार्ट अटैक क्यों आता है? इससे बचने के क्या उपाय हो सकते हैं? यहां जानें सबकुछ
- पोस्टल बैलेट या डाक मत पत्र क्या होता है कौन करता है इसका प्रयोग?
[…] […]