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दादरा और नागर हवेली
दादरा और नगर हवेली भारत के पश्चिमी तट पर अवस्थित है।
दादरा और नगर हवेली के पूर्वोत्तर में पश्चिमी घाट की मौजूदगी से यह क्षेत्र पहाड़ी है, लेकिन इलाके का मध्य भाग ज्यादातर मैदानी है और बहुत उपजाऊ है।
- दादरा और नगर हवेली की राजधानी सिलवासा है।
- या भौतिक आधार पर दो हिस्सों दादर(गुजरात) और नगर हवेली (महाराष्ट्र) में विभाजित है।
- दादरा और नगर हवेली 491 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ एक खूबसूरत पर्यटन स्थल क्षेत्र है।
- इस पर पहले पुर्तगालियों का शासन था पर वहां की जनता ने 2 अगस्त 1954 को पुर्तगालियों से खुद को अलग कर स्वतंत्र घोषित कर लिया।
- 11 अगस्त 1961 को इसे भारत में शामिल कर लिया गया।
- यहां पर्यटकों के घूमने के लिए सबसे अनुकूल समय नवंबर से मार्च तक का है।
- यहां की जनसंख्या का लगभग 95% हिस्सा हिंदू धर्म को मानते हैं।
- दादरा और नगर हवेली पर कोली सरदार, राजपूत, मराठा, पुर्तगाली, स्वायत्त शासन और वर्तमान में भारत का शासन है।
- यहां पर मुख्य रूप से दिवसो और काली पूजा त्यौहार को मनाया जाता है।
- यहां की मुख्य भाषा अंग्रेजी, गुजराती ,हिंदी और मराठी है।
- दमन गंगा यहां की प्रमुख नदी है।
- ढोहिया, वर्ली, कोकना और कोली यहां की प्रमुख जनजातियां है।
- इसके पड़ोसी राज्य गुजरात, महाराष्ट्र, दमन और दीव है।
- दादरा और नगर हवेली का प्रमुख वन एवं राष्ट्रीय उद्यान शेर सफारी वन्य जीव अभ्यारण और हिरण पार्क- सिलवासा है।
- यहां का सड़क परिवहन पूरी तरह से गुजरात और महाराष्ट्र के राज्य परिवहन प्रणालियों पर निर्भर है जो कि इसके पड़ोसी राज्य हैं।
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