सहजन के फूल और कलियाँ
और एक शाख़
सहजन के फूल और कलियाँ दोनों को मिला कर सब्ज़ी बनती है। सबसे पहले तो इन्हें खूब अच्छी तरह धो लें।
यह कुछ कसैलापन लिए होते हैं इसलिए पहले इन्हें नमक वाले खुले पानी में उबालना ज़रूरी है जब तक यह नर्म न हो जाएँ।
अब इन्हें किसी बड़ी छलनी में डालें और ठंडा हो जाने पर अच्छी तरह निचोड़ लें इससे इनका कुछ कसैलापन निकल जाएगा।

भारी कड़ाई आग पर रख कर उस में तेल गर्म करें। इसमें जीरा डालें और फिर लहसुन, अदरक, प्याज़, धनिया पाउडर और टमाटर डाल कर मसाला बनाएँ। मसाला तैयार हो जाने पर इसमें वह उबले और निचोड़े हुए सहजन डालें।
चाहे तो इसमें मटर अथवा आलू भी डाल सकती हैं। अपनी पसंद अनुसार नमक, मिर्च, हल्दी डाल कर दस बारह मिनट तक पकाएँ। सब्ज़ी तैयार हो जाने पर आधी कटोरी दही फेंट कर डालें और उबाल आने पर उतार लें।
इसे सूखी सब्ज़ी की तरह भी बनाया जा सकता है और थोड़ी रसे वाली भी।
सहजन के फूल, पत्तियाँ और फलियाँ सब औषधीय गुणों से भरपूर हैं।
यह हमारा पाचन तंत्र मज़बूत करती हैं, सर्दी, जुकाम से छुटकारा दिलाती हैं, खून साफ़ करती हैं और मधुमेह (diabetes) कम करती हैं।
सहजन के फूल सर्दियों में खिलते हैं और बाज़ार में उतनी आसानी से नहीं मिलते। परन्तु इसका पेड़ बड़ी सरलता से घर में लगाया जा सकता है। बरसात के दिनों में इस पेड़ की एक डंडी लाकर रोप देने से ही वह जड़ पकड़ लेगी। फूल वर्ष भर न भी मिलें इसकी फलियाँ (drumsticks) साँभर के साथ साथ अन्य दालों में भी डाल कर चूस सकते हैं।
हमने अपने घर के बाहर इसका पेड़ लगाया तो शाम को घर लौटती मजदूरनी उसकी ढेर सारी पत्तियाँ ही तोड़ कर ले जातीं। औषधीय गुणों से भरपूर इन पत्तियों का साग बना कर खाया जाता है।
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