images281296620130712773144357.

वैज्ञानिक आज तक पृथ्वी के लगभग 10  प्रतिशत हिस्से का ही सही से अध्ययन कर पाए हैं। बाकी 90 फीसद हिस्से से वैज्ञानिक अनजान हैं। यानी हम सिर्फ पृथ्वी की सतह के बारे में ही जानते हैं।

वैज्ञानिकों ने यह जानने के लिए कि पृथ्वी के अंदर क्या है, 1970 में रूस के वैज्ञानिकों ने एक गड्ढा खोदना शुरू किया जिसका नाम था’ कोला सुपरदीप बोरहोल’ । जिसे लगातार सिर्फ 12,262 मीटर तक ही खोदा जा सका ।

उसके बाद 1994 में इस प्रोजेक्ट को वैज्ञानिकों ने बंद कर दिया। इसके बंद करने का प्रमुख कारण ज्यादा तापमान का होना बताया गया, जिसे वैज्ञानिकों ने कम सोचा था पर ये तापमान सोच से कहीं ज्यादा निकला। पृथ्वी के अंदर का तापमान इतना था कि,उस तापमान में काम कर पाना मुश्किल था, वहीं पृथ्वी के अंदर जाने पर पृथ्वी का घनत्व बढ़ने लगता है, जिससे खर्च भी बढ़ने लगता है और पृथ्वी में गड्ढा खोदने के लिए बहुत ज्यादा ऊर्जा की आवश्यकता, भी पड़ती है। ऐसे में इस प्रोजेक्ट को बंद कर दिया गया।

अतः यह स्पष्ट है कि हम धरती के अंदर ज्यादा दूर तक न तो गड्ढा कर सकते हैं और न ही उसके तापमान का अंदाजा लगा सकते हैं।

By Admin

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Copy Protected by Chetan's WP-Copyprotect.