
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का दायरा बढ़ने के बाद यह अब नए स्वरूप में भक्तों के सामने होगा। शिव कचहरी समेत आसपास के सभी मंदिरों को बाबा दरबार के परिसर में ही समाहित कर लिया गया है। मई तक मंदिर विस्तार का काम पूरा होते ही आने वाले भक्तों को बाबा दरबार का नया स्वरूप नजर आएगा। वीआईपी लाउंज की बाहरी दीवारों पर बालेश्वर के पत्थर सज गए हैं। धाम की दूसरी इमारतों की दीवारों पर जल्द ही बालेश्वर के पत्थरों को क्लैंप करके लगाने का काम शुरू होगा। वहीं दूसरी तरफ चुनार के पत्थरों का काम समाप्त होने के बाद मकराना के पत्थरों का काम शुरू किया जाएगा। पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता संजय गोरे ने बताया कि मई तक मुख्य मंदिर और चौक का काम पूर्ण हो जाएगा।
मंदिर चौक और यात्री सुविधा केंद्र को मई तक शुरू किया जा सकता है। मंदिर चौक से सीधे मां गंगा के दर्शन हो सकेंगे। काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत डॉ. कुलपति तिवारी ने बताया कि श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित शिव कचहरी से जुड़ी कई मान्यताएं है। जो लोग मुकदमे में फंस जाते हैं वो लोग इस कचहरी में अपनी फरियाद करते हैं। इससे उनके पक्ष में फैसला आता है। शिव कचहरी में अनगिनत शिवलिंग के अलावा सभी देवताओं के विग्रह हैं।
काशी विश्वनाथ धाम परिसर में स्थित गोयनका लाइब्रेरी के भवन को संरक्षित किया जाएगा। ऐतिहासिक महत्व की इस लाइब्रेरी का रंग-रौगन करने के बाद सजावटी लाइटों से सजाया जाएगा। काशी विश्वनाथ धाम में बनने वाले हर भवन की दीवाल पर बालेश्वर के पत्थर सजेंगे। इन पत्थरों को क्लैंप करके दीवारों पर लगाया जा रहा है।
पूरा धाम पत्थरों की गुलाबी आभा से दमकेगा। काशी विश्वनाथ धाम के प्रवेश द्वार ललिता और जलासेन घाट का दायरा 10 से 15 मीटर तक बढ़ा दिया गया है। नदी के अंदर कंक्रीट की दीवार बनाकर बेस तैयार किया गया है। नदी की ओर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए यहां पर जेटी और प्लेटफार्म तैयार किया जाएगा। जून के पहले घाट के इस काम को पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। श्री काशी विश्वनाथ धाम में चल रहे निर्माण कार्य के दौरान अब तक 10 भवनों की डिजाइन में बदलाव किया गया है। अभी चार और भवनों की डिजाइन में बदलाव की तैयारी की जा रही है।
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