हेलो दोस्तों, स्वागत है आपका हमारे यूट्यूब चैनल रिव्यु टीवी पर, मै अभिनव तिवारी…..
दोस्तों आज हम जिस फ़िल्म का रिव्यु करने जा रहे हैं वह नेटफ्लिक्स पर 12 अगस्त को आ चुकी है जो कि लगभग 2 घंटे की है और इस फिल्म का नाम है,, गुंजन सक्सेना: द करगिल गर्ल,,,,,,,
जो कि इण्डियन एयर फोर्स में भर्ती होने वाली पहली महिला हैं और जिन्होंने 24 साल की उम्र में ही करगिल में 40 mission को भख़ूबी अंजाम दिया और हमेशा अपने देश, और अपना नाम ऊँचा किया।
अब इस फ़िल्म के डायरेक्टर की बात करें तो करन जौहर, हीरू जौहर और अपूर्वा मेहता ने अपनी भूमिका निभाई है।
वहीं मुख्य किरदार के रूप में जान्हवी कपूर ने गुंजन सक्सेना का किरदार निभाया है, पंकज त्रिपाठी ने गुंजन सक्सेना के पिताजी का किरदार निभाया है तो वहीं सहायक किरदार के रूप में अंगद बेदी, मानव विज, और विनीत कुमार हैं।
दोस्तों आपको फ़िल्म के बारे में बता दे कि यह फ़िल्म पूरी तरह से केवल गुंजन सक्सेना के struggle पर आधारित है।जिसमें जान्हवी यानी गुंजन के बचपन से लेकर पायलट तक होने वाले परेशानियों को दिखाया गया है।
वहीं इस फ़िल्म में यह भी संदेश देने का प्रयास किया गया है कि महिला कोई घर की वस्तु नहीं है जिसे जब जहाँ जैसा चाहा वहाँ उठा कर फेंक दिया और उसके जीवन शैली को गिरफ्तार कर लिया।
अब इस फ़िल्म की कहानी की बात करें तो पहले इसकी कहानी करगिल में शुरू हुए बमबारी को दिखाती है जहाँ गुंजन घायल आर्मीयो के लिए हेलीकॉप्टर से मदद पहुँचाती हैं, पर इतने में कहानी back हो जाती है,
जहाँ गुंजन लगबग 9 साल की होती है,जिसे एयरप्लेन में सैर करते हुए पायलट बनने का मन हो जाता है, जो कि बड़े होने पर और हो जाता है,पर घर वाले उसे पायलट नहीं बनाना चाहते हैं,
पर पापा यानी पंकज त्रिपाठी अपने बेटी की तरफ हैं और वह उसका यह सपना पूरा करके रहते हैं, और उसे एयरफोर्स में भर्ती करवा कर रहते हैं।
पर यहाँ भी गुंजन की परेशानियां कम नहीं होती पर वह उन सब परेशानियों और करगिल युध्द में अपने बहादुरी से सबका मन जीत लेती हैं।
पर दोस्तों आपको पूरी कहानी अगर मै ही बतादूँगा तो आप क्या देखेंगे इसलिए आपको पूरी कहानी जानने के लिए नेटफ्लिक्स पर….
दोस्तों अब फ़िल्म की अच्छाइयों की बात करें तो…..तो फ़िल्म में गुंजन सक्सेना का किरदार ओरिजिनल गुंजन सक्सेना से मिलता है
तो वहीं पंकज त्रिपाठी ने अपने किरदार को न्यूट्रल रख कर अपने नेचुरल किरदार को उभारा है।
वहीं बुराइयों की बात करें तो गुंजन सक्सेना के छवी को तोड़ मरोड़ कर दिखाया गया है जो बायोपिक के लिए बिल्कुल सही नही है तो वहीं जान्हवी कपूर और अच्छे से , अपनी भूमिका और डॉयलोग को बोलने और दिखाने का प्रयास कर सकती थी, तो शायद यह फ़िल्म और अच्छे से अपना रूप ले पाती…
इन सब बातों को ध्यान रख कर दोस्तों मैने इस फ़िल्म को 5 स्टार में से 3 स्टार दिये हैं,
पर आप इस फ़िल्म को और हमारे रिव्यु को कितना स्टार देंगे कमेंट कर के जरूर बताइयेगा।और अगर आपने अभी तक हमारे चैनल को लाइक subscibe और शेयर नही किया है तो तुरंत कर दीजिए।हम अब मिलते हैं आपसे अगले वीडियो में तब तक धन्यवाद जय हिंद……..